सार

गर्मी के सीजन में आम आदमी सूती कपड़ों को पहनना पसंद करता है और अगर कॉटन के दाम बढ़े तो उनके लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है। गौरतलब है कि कि मौजूदा समय में कॉटन का भाव रिकॉर्ड ऊंचाई पर कारोबार कर रहा है। वहीं जानकार भी उत्पादन में कमी और मांग में भारी बढ़ोतरी की वजह से कॉटन की कीमतों में और तेजी की संभावना जता रहे हैं।

बिजनेस डेस्क। गर्मी बढ़ने के साथ ही कॉटन से बने कपड़ों की कीमतों में भी गर्मी बढ़ने जा रही है। दरअसल, कॉटन का भाव जल्द ही 50 हजार रुपए के ऊपरी स्तर को छू सकता है। ऐसे में आम लोगों को कपड़े के मोर्चे पर भी महंगाई का सामना करना पड़ सकता है। बता दें कि गर्मी के सीजन में आम आदमी सूती कपड़ों को पहनना पसंद करता है और अगर कॉटन के दाम बढ़े तो उनके लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है। गौरतलब है कि कि मौजूदा समय में कॉटन का भाव रिकॉर्ड ऊंचाई पर कारोबार कर रहा है। वहीं जानकार भी उत्पादन में कमी और मांग में भारी बढ़ोतरी की वजह से कॉटन की कीमतों में और तेजी की संभावना जता रहे हैं। जानकारों की मानें तो घरेलू वायदा बाजार यानी मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर कॉटन का भाव जल्द ही 50 हजार रुपए के ऊपरी स्तर को छू सकता है. उनका कहना है कि एमसीएक्स पर कॉटन का भाव जब तक ट्रेंड रिवर्सल प्वाइंट यानी टीआरपी- 42,320 रुपए के ऊपर कारोबार कर रहा है तब तक कीमतों में तेजी का रुझान बना रहेगा।

विदेशी बाजार में साढ़े दस साल की ऊंचाई के पार पहुंच सकता है भाव
ओरिगो ई-मंडी के असिस्टेंट जनरल मैनेजर (कमोडिटी रिसर्च) तरुण सत्संगी के मुताबिक सोमवार को पुरानी फसल -आईसीई कॉटन जुलाई वायदा के भाव को 130.25 पर सपोर्ट मिलने के बाद तेजी का रुझान बन गया है। बता दें कि कपड़ा और स्पेक्यूलेटिव खरीद की वजह से पुराने फसल के कारोबार में तेजी बनी हुई है। कॉटन का भाव एक बार फिर साढ़े दस साल की ऊंचाई 141.80 सेंट प्रति पाउंड को छूने के बाद उसके पार भी पहुंच सकता है। आने वाले दिनों में कॉटन का भाव 158-173 के ऊपरी स्तर तक पहुंच सकता है। बता दें कि 28 मार्च 2022 को भाव ने साढ़े दस साल की ऊंचाई 141.80 सेंट प्रति पाउंड के स्तर को छू लिया था।

सूखे की वजह से अमेरिका में फसल पर खतरा
दूसरी ओर नई फसल आईसीई कॉटन दिसंबर वायदा ने भी रिकॉर्ड ऊंचाई 120.29 सेंट प्रति पाउंड के स्तर को छू लिया है। उनका कहना है कि गंभीर शुष्क परिस्थितियों की वजह से अमेरिका में टेक्सास में नई फसल के ऊपर बड़ा खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में कॉटन की कीमतों में आने वाले दिनों में तेजी बढ़ सकती है।

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देश में कपास की फसल में भारी गिरावट
कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई) ने मार्च की रिपोर्ट में 2021-22 सीजन के लिए कपास की फसल के अनुमान में संशोधित करते हुए कटौती कर दी है। सीएआई ने कपास की फसल के अनुमान को 8 लाख गांठ घटाकर 335.13 लाख गांठ (1 गांठ = 170 किलोग्राम) कर दिया है। सीएआई ने इसके पहले 343.13 लाख गांठ का अनुमान जारी किया था. 2021-22 में देश में 353 लाख गांठ कपास की फसल हुई थी।

अमेरिका में बुआई के आंकड़े
यूएसडीए-एनएएसएस (नेशनल एग्रीकल्चरल स्टैटिस्टिक्स सर्विस) के मुताबिक 10 अप्रैल 2022 तक फसल वर्ष 2022-23 के लिए कपास की बुआई 7 फीसदी हो चुकी है, पिछले हफ्ते 4 फीसदी बुआई हुई थी। पिछले साल समान अवधि में 8 फीसदी बुआई पूरी हो चुकी थी। अमेरिका में पिछले साल की तुलना में 2022-23 में कुल कपास का रकबा 9 फीसदी बढ़कर 12.2 मिलियन एकड़ रहने का अनुमान है। वहीं 2021 की तुलना में अपलैंड एरिया 9 फीसदी बढ़कर 12.1 मिलियन एकड़ और अमेरिकी पीमा एरिया 39 फीसदी बढ़कर 1,76,000 एकड़ रहने का अनुमान है।