सार
एक दिन पहले बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आरोप लगाए थे कि 2005-206 के दौरान राजीव गांधी फाउंडेशन ने पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना और चीनी दूतावास से 3 लाख अमरीकी डालर प्राप्त किए थे।
बिजनेस डेस्क। एक्चुअल लाइन ऑफ कंट्रोल पर भारत-चीन के विवाद के साथ ही बीजेपी और कांग्रेस के बीच जमकर आरोप-प्रत्यारोप का खेल शुरू है। बीजेपी अध्यक्ष और पार्टी के कुछ नेताओं ने सीमा के मौजूदा हालात को लेकर राजीव गांधी फाउंडेशन के बहाने कांग्रेस के रवैये पर निशाना साधा था। अब कांग्रेस ने पलटवार कर कोरोना के लिए पीएम केयर रिलीफ फंड में चीनी कंपनियों के दान पर सवाल उठाया है।
कांग्रेस प्रवक्ता के सवालों के बाद ट्विटर पर 10 Crore टॉप ट्रेंड में है। रिलीफ फंड को लेकर वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने आरोप लगाते हुए जो सवाल किए, वो इस तरह हैं।
1) क्यों पीएम ने पीएम केयर्स फंड में चीनी रुपये को स्वीकार किया
2) क्या चीन की विवादित कंपनी हुवेइ से 7 करोड़ रुपये स्वीकार किए गए
3) क्या हुवेइ का पीपुल्स लिबरेशन आर्मी से सीधा कनेक्शन है
4) क्या की कंपनी TikTok विवादित पीएम केयर्स फंड में 30 करोड़ रुपये दिए
सिघवी ने रिलीफ फंड में पेटीएम (38% चीनी निवेश), जियोमी और ओपो के दान को लेकर भी सवाल उठाए। कांग्रेस ने कहा कि जो सरकार चीनी कंपनियों से डोनेशन को लेकर समझौता कर सकती है वह भला कैसे चीनी आक्रामकता से देश की सुरक्षा करेगी।
बीजेपी ने क्या आरोप लगाए थे?
एक दिन पहले बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आरोप लगाए थे कि 2005-206 के दौरान राजीव गांधी फाउंडेशन ने पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना और चीनी दूतावास से 3 लाख अमरीकी डालर प्राप्त किए थे। बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस पर चीन के साथ सीक्रेट समझौते का भी आरोप लगाया था। भारत चीन विवाद के दौरान चीन में सोनिया और राहुल के दौरे की तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई। तस्वीर में कांग्रेस नेता दस्तखत करते नजर आए थे।
फाउंडेशन में कौन-कौन?
सोनिया गांधी, राजीव गांधी फाउंडेशन की अध्यक्ष हैं जो 1991 में स्थापित हुई थी। जबकि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम, मोंटेक सिंह अहलूवालिया, सुमन दुबे, राहुल गांधी, डॉ. शेखर राहा, प्रोफेसर एमएस स्वामीनाथन, डॉक्टर अशोक गांगुली, संजीव गोयनका और प्रियंका गांधी वाड्रा फाउंडेशन में ट्रस्टी हैं। 1991 में स्थापित फाउंडेशन 2009 तक हेल्थ, एजुकेशन, शिक्षा, विज्ञान और तकनीक, महिला एवं बाल विकास, शारीरिक रूप से निशक्तों की सहायता, पंजायती राज, आदि क्षेत्रों में काम करता रहा। मगर 2010 से फाउंडेशन एजुकेशन पर फोकस कर रहा है।