सार

दिवाली आने में अब सिर्फ 10 दिन बचे हैं। दिवाली पर लोग अक्सर अपने सगे-संबंधियों, कर्मचारियों और दोस्तों को न सिर्फ गिफ्ट देते हैं, बल्कि उनसे कीमती गिफ्ट लेते भी हैं। अगर आपको दिवाली पर कोई महंगा गिफ्ट या बोनस मिलने वाला है या मिल चुका है तो उस गिफ्ट पर टैक्स से जुड़े नियम जानना भी बेहद जरूरी है।

Tax Rules on Diwali Gifts: दिवाली आने में अब सिर्फ 10 दिन बचे हैं। दिवाली पर लोग अक्सर अपने सगे-संबंधियों, कर्मचारियों और दोस्तों को न सिर्फ गिफ्ट देते हैं, बल्कि उनसे कीमती गिफ्ट लेते भी हैं। अगर आपको दिवाली पर कोई महंगा गिफ्ट या बोनस मिलने वाला है या मिल चुका है तो उस गिफ्ट पर टैक्स से जुड़े नियम जानना भी बेहद जरूरी है। वैसे, बता दें कि कैश गिफ्ट हो या दीवाली पर मिला बोनस, इन पर भी टैक्स लगता है। आइए जानते हैं गिफ्ट पर लगने वाले टैक्स से जुड़े कुछ नियम। 

क्या कहलाता है गिफ्ट?
इनकम टैक्स एक्ट की परिभाषा के मुताबिक, बिना किसी पर्चे या रसीद के ली गई कोई भी संपत्ति, चाहे वो नगद हो, मूवेबल प्रॉपर्टी हो या इमूवेबल प्रॉपर्टी, गिफ्ट कहलाती है। ऐसे में गिफ्ट पर गिफ्ट टैक्स अप्लाई होता है। हालांकि, ऐसा भी नहीं है कि आपको मिले हर एक गिफ्ट पर टैक्स लगेगा, बल्कि इसके लिए कुछ सीमा तय की गई है। अगर उस सीमा से ज्यादा कीमत का गिफ्ट है तो फिर उस पर टैक्स लगेगा। 

गिफ्ट को लेकर क्या कहता है आयकर कानून?
आयकर अधिनियम की धारा 56 (2) के मुताबिक, किसी फाइनेंशियल ईयर में मिले गिफ्ट पर स्लैब दर के अनुसार  'अन्य स्रोतों से हुई इनकम' के आधार पर टैक्स लगाया जा सकता है। हालांकि, इसमें परिवार के करीबी सदस्यों जैसे मां-बाप, भाई-बहन और पति-पत्नी से मिले गिफ्ट पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। 

इन गिफ्ट पर लगेगा टैक्स : 
इनकम टैक्स कानून, 1961 के सेक्शन 56(2)(x) के तहत करदाता को मिले गिफ्ट्स पर कर देनदारी बनती है। टैक्स के दायरे में आने वाले गिफ्ट्स में ये चीजें शामिल हैं। 

- कंपनी की ओर से मिला नगद गिफ्ट या बोनस टैक्स के दायरे में आता है। हालांकि, इस पर एक लिमिट तय है, जिसके मुताबिक यह सालाना 5,000 रुपए से ज्यादा नहीं होना चाहिए। अगर आपको सालभर में 5,000 रुपए तक का गिफ्ट या बोनस मिला है तो आपको इस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। लेकिन इससे ज्यादा हुआ तो ओवर लिमिट पर टैक्स देना होगा।

-  इनकम टैक्स एक्ट की धारा 56(2) के मुताबिक अगर आपका कोई रिश्तेदार या दोस्त 50,000 रुपए सालाना की लिमिट से ऊपर का कोई गिफ्ट देता है, तो उस पर टैक्स लगेगा। 50 हजार तक के गिफ्ट पर टैक्स से छूट है, लेकिन इससे ज्यादा पर टैक्स भरना होगा। 

- अगर एक फाइनेंशियल ईयर आपको किसी रिश्तेदार या दोस्त से गहने, पेंटिंग, ड्राइंग, शेयर, आर्कियोलॉजिकल कलेक्शन, सोना-चांदी आदि गिफ्ट के रूप में मिला है और उसकी मार्केट वैल्यू 50 हजार रुपए से ज्यादा है तो उस पर टैक्स देना पड़ेगा।

 - अगर गिफ्ट में किसी तरह की अचल संपत्ति जैसे जमीन, मकान दिया गया है तो इसकी स्टांप वैल्यू पर आपको टैक्स देना होता है। स्टांप वैल्यू 50,000 से ज्यादा है तो उस पर आपको टैक्स लगेगा। 

इस तरह के गिफ्ट पर कोई टैक्स नहीं : 
कुछ ऐसे भी गिफ्ट्स होते हैं, जिनपर कोई भी टैक्स नहीं देना होता। जैसे- शादी में मिले हुए गिफ्ट टैक्स के दायरे में नहीं आते। इसी तरह वसीयत या विरासत में मिले गिफ्ट पर भी टैक्स नहीं लगता है। 

जानकारी छुपाई तो 200% तक का जुर्माना : 
अगर आपने 50 हजार रुपए से ज्यादा के गिफ्ट की जानकारी छुपाई तो और आयकर की जांच में यह साबित हो गया तो आपको उस रकम का 200% तक जुर्माना भरना पड़ सकता है। इसलिए अगर एक वित्त वर्ष में 50 हजार रुपए से ज्यादा मूल्य का कोई उपहार मिला है तो इसकी जानकारी आयकर रिटर्न फॉर्म में दें और ईमानदारी से टैक्स चुकाएं। हालांकि, शादी में मिले गिफ्ट टैक्स दायरे के बाहर हैं। 

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