सार
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने कहा है कि केंद्र सरकार सभी तरह की क्रिप्टोकरंसी (Cryptocurrency) पर पाबंदी के फैसले पर अडिग है। उन्होंने कहा कि सिर्फ सरकार की ओर से जारी की गई ई-करंसी (E-Currency) को मंजूरी दी जाएगी।
बिजनेस डेस्क। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने कहा है कि केंद्र सरकार सभी तरह की क्रिप्टोकरंसी (Cryptocurrency) पर पाबंदी के फैसले पर अडिग है। उन्होंने कहा कि सिर्फ सरकार की ओर से जारी की गई ई-करंसी (E-Currency) को मंजूरी दी जाएगी। निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि एक उच्च स्तरीय कमेटी ने भारत में सभी तरह की निजी क्रिप्टोकरंसी (Private Cryptocurrency) पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है। कमेटी का कहना है कि सिर्फ केंद्र सरकार की ओर से जारी की गई ई-करंसी को ही मंजूरी मिलनी चाहिए। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार क्रिप्टोकरंसी की ट्रेडिंग को लेकर सख्त दिशा-निर्देश जारी करने की योजना बना रही है।
क्रिप्टोकरंसी को लेकर कानून की जरूरत
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में कहा कि फिलहाल क्रिप्टोकरंसी के रेग्युलेशन के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) और (SEBI) के पास कोई कानून नहीं है। वित्त मंत्री ने कहा कि क्रिप्टोकरंसी से जुड़े मुद्दों पर विचार करने के लिए एक अंतर-मंत्रालयी कमेटी (IMC) का गठन किया गया है। वहीं, वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ने कहा कि सरकार जल्द ही क्रिप्टोकरंसी को लेकर विधेयक लाएगी, क्योंकि मौजूदा कानून इससे संबंधित मामलों से निपटने के लिए पर्याप्त नहीं हैं।
क्रिप्टोकरंसी बिल को दिया जा रहा है अंतिम रूप
वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ने कहा कि क्रिप्टोकरंसी पहचान किए जा सकने वाले यूजर्स की ओर से जारी करंसी , ऐसेट्स, सिक्टोरिटी या कमोडिटी नहीं है। इसलिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और सेबी के बास इसके रेग्युलेशन के लिए पर्याप्त कानून नहीं हैं। सरकार ने एक कमेटी बनाई थी, जिसने क्रिप्टोकरंसी पर अपनी रिपोर्ट दे दी है। कैबिनेट सचिव की अगुआई में बनी सचिवों की कमेटी ने भी अपनी रिपोर्ट दे दी है। अब सरकार क्रिप्टोकरंसी पर बिल को अंतिम रूप देने जा रही है। इसे जल्दी ही कैबिनेट को भेजा जाएगा और बिल को पेश किया जाएगा।
डिजिटल करंसी लाने की तैयारी में है रिजर्व बैंक
बिटकॉइन (Bitcoin) सहित सभी वर्चुअल करंसी से जुड़े जोखिम को देखते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अप्रैल 2018 में एक सर्कुलर जारी किया था। इसमें वर्चुअल करंसी में डील नहीं करने का सुझाव दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट वने 4 मार्च 2020 के फैसले में रिजर्व बैंक के इस सर्कुलर को रद्द कर दिया था। फरवरी 2021 में रिजर्व बैंक ने कहा था कि वह भारतीय डिजिटल करंसी लाने की योजना पर काम कर रहा है।