सार
केंद्र की ओर से जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) आज 18 जनवरी को शाम 4.30 बजे एक महत्वपूर्ण आर्थिक मुद्दे पर दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगी।
बिजनेस डेस्क। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) मंगलवार, 18 जनवरी यानी आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करेंगी। केंद्र द्वारा जारी एडवाइजरी के अनुसार प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक अहम आर्थिक मुद्दे की जानकारी दी जाएगी। एडवाइजरी में कहा गया है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज 18 जनवरी को शाम 4.30 बजे एक महत्वपूर्ण आर्थिक मुद्दे पर दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगी।
एक फरवरी को आएगा बजट
आपको बता दें कि केंद्र 1 फरवरी को केंद्रीय बजट 2022 पेश करने के लिए पूरी तरह तैयार है। घातक कोरोनावायरस महामारी और इसके प्रसार को रोकने के लिए महीने भर के लॉकडाउन के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2021 में स्वास्थ्य और भलाई, भौतिक और वित्तीय पूंजी और बुनियादी ढांचा, आकांक्षावादी भारत के लिए समावेशी विकास, मानव पूंजी को मजबूत करना, इनोवेशन और रिसर्च एंड डेवलपमेंट, और न्यूनतम सरकार अधिकतम शासन जैसे छह स्तंभों पर ध्यान केंद्रित किया।
कई प्रत्यक्ष टैक्स रिलैक्सेशन जैसे 75 वर्ष और उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयकर छूट, नेशनल फेसलेस अपीलेट ट्रिब्यूनल सेंटर, प्री-फाइलिंग रिटर्न, डिविडेंड इनकम पर एडवांस टैक्स आदि का प्रस्ताव किया गया था। वित्त वर्ष 2021-22 के लिए कुल कैपिटल एक्सपेंडिचर 5.54 लाख करोड़ रुपए है।
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बजट से हैं काफी उम्मीदें
वैसे इस बार केंद्रीय बजट से देश के आम लोगों को काफी उम्मीदें हैं। खासकर महंगाई से निपटने के लिए सरकार किस तरह से रियायत करने जा रही है। क्या आम लोगों को टैक्स में राहत मिलेगी। वैसे सरकार को कई संगठनों की ओर से सुझाव भी मिले हैं। जैसे आईबीए ने कहा कि टैक्स सेविंग एफडी के लॉकईन पीरियड को 5 साल से कम 3 साल कर दिया जाए। ताकि एफडी में निवेश करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जा सके।
मौजूदा समय में एफडी पर निवेशक काफी उदासीन दिखाई दे रहे हैं। वहीं दूसरी ओर आईसीआरए ने वित्त मंत्रालय को सुझाव दिया है कि पब्लिक प्रोविडेंट की मैक्सीमम इंवेस्टमेंट लिमिट को डेढ़ लाख से बढ़ाकर 3 लाख रुपए कर दी जाए। ताकि अधिक से अधिक लोगों में ज्यादा फायदा हो सके। कोरोना काल में एफडी की ब्याज दरें कम होने के कारण पीपीएफ जैसी छोटी बचत योजनाएं काफी पॉपुलर हुई हैं।