सार

ब्रिटेन में अब सप्ताह में सिर्फ चार दिन काम करने तका कल्चर लागू हो गया है। फोर डे वीक क्लब में पहले से स्पेन, आइसलैंड, अमेरिका और कनाडा शामिल है. भारत में भी इसको लेकर विचार किया जा रहा है। 

नई दिल्लीः स्पेन, आइसलैंड अमेरिका और कनाडा के बाद अब ब्रिटेन के लोगों को भी सप्ताह में चार दिन काम (Four day Work week) और बाकी दिन आराम करने को मिलेगा। काम और पर्सनल लाइफ के बीच संतुलन बैठाने के लिए यह पहल की जा रही है। ब्रिटेन की 60 बड़ी कंपनियां एक जून से इसका ट्रायल करने जा रही हैं। इसका मकसद कर्मचारियों के काम का समय कम करना है। स्पेन (Spain), आइसलैंड (Iceland), अमेरिका (US) और कनाडा (Canada) में पहले ही इस तरह के ट्रायल शुरू हो चुके हैं। ऑस्ट्रेलिया (Australia) और न्यूजीलैंड (Nea Zealand) में भी अगस्त में इस तरह का ट्रायल शुरू होगा। भारत में भी इसे लागू करने की चर्चा चल रही है। 

प्रोडक्टिविटी की रहेगी चुनौती
ब्रिटेन में करीब छह महीने तक चलने वाले इस ट्रायल में कंपनियां अपने कर्मचारियों से हफ्ते में चार दिन या अधिकतम 32 घंटे काम लेंगी। यानी कर्मचारियों को हर हफ्ते तीन दिन की छुट्टी मिलेगी। इसमें देश की 60 बड़ी कंपनियों के 3000 कर्मचारियों को शामिल किया गया है। इस दौरान कर्मचारियों की सैलरी में कोई बदलाव नहीं होगा। लेबर इकोनॉमिस्ट जोनाथन बॉयस ने कहा कि इसमें सबसे बड़ी चुनौती यह होगी कि प्रॉडक्टिविटी को कैसे मापा जाएगा। कर्मचारियों को पांच दिन का काम चार दिन में करना होगा।

क्या होता है फोर डे वर्क वीक क्लब
कई देशों में पहले ही फोर डे वीक शुरू हो चुका है। उन्हें फोर डे वीक क्लब कहा जाता है। अरब देश यूएई ने सरकारी संस्थानों में जनवरी 2022 से हफ्ते में साढ़े चार दिन काम की व्यवस्था लागू की थी। इसके तहत कर्मचारी जुमे के दिन यानी शुक्रवार को आधा दिन काम करते हैं और शनिवार-रविवार को छुट्टी रहती है। जापानी कंपनी पैनासोनिक ने हफ्ते में चार दिन काम की व्यवस्था शुरू की है। न्यूजीलैंड में मल्टीनेशनल कंपनी यूनिलीवर (Unilever) ने अपने कर्मचारियों के लिए दिसंबर 2020 में एक साल का चार-दिवसीय कार्य सप्ताह शुरू किया था।

श्रम कानून में हो रहा है बदलाव
बेल्जियम में श्रम कानून में बदलाव किया जा रहा है जिसके तहत कर्मचारियों को तीन दिन का वीकेंड दिया जाएगा। नए बदलाव के तहत उन्हें ऑफिस के बाद बॉस के मैसेज को अनदेखा करने की खास सुविधा भी दी जाएगी। स्पेन की सरकार ने भी ऐसी व्यवस्था करने की घोषणा की है। स्कॉटलैंड और आयरलैंड में भी ट्रायल के आधार पर ऐसी व्यवस्था शुरू हो चुकी है। आइसलैंड ने चार साल के ट्रायल के बाद चार दिवसीय कार्य सप्ताह की घोषणा की है।

भारत में भी शुरू हो सकती है सुविधा
भारत में भी इस तरह की व्यवस्था पर विचार चल रहा है। श्रम कानूनों में सुधार के तहत यह कदम उठाए जा रहे हैं। नए नियमों में रोजाना कामकाज के अधिकतम घंटों को बढ़ाए जाने की संभावना है। माना जा रहा है कि सरकार कामकाज के घटों को बढ़ाकर 12 कर सकती है। यानी सप्ताह में 48 घंटे ही काम करना होगा। अगर कोई व्यक्ति रोजाना 8 घंटे काम करता है तो उसे सप्ताह में 6 दिन काम करना होगा। इस हिसाब से 12 घंटे काम करने वाले व्यक्ति को हफ्ते में चार दिन काम करना होगा।