सार
नकली बोतलबंद पानी से उपभोक्ताओं के बचाव के लिए सरकार ने सख्त कदम उठाया है। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने अब बोतलबंद पानी और मिनरल वॉटर बनाने वाली कंपनियों को लाइसेंस लेने के लिए भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) का प्रमाणन (Certification) अनिवार्य कर दिया है।
बिजनेस डेस्क। नकली बोतलबंद पानी से उपभोक्ताओं के बचाव के लिए सरकार ने सख्त कदम उठाया है। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने अब बोतलबंद पानी और मिनरल वॉटर बनाने वाली कंपनियों को लाइसेंस लेने के लिए भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) का प्रमाणन (Certification) अनिवार्य कर दिया है। सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के खाद्य आयुक्तों को एफएसएसएआई ने यह निर्देश दिया है। बता दें कि यह निर्देश 1 अप्रैल, 2021 से लागू होगा। यह कदम इसलिए उठाया गया है कि बड़े पैमाने पर नकली बोतलबंद पानी बेचे जाने की शिकायतें मिल रही थीं।
क्या कहा FSSAI ने
फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने कहा कि बोतलबंद पानी और मिनरल वॉटर तैयार करने वाली कंपनियों को लाइसेंस लेने या रजिस्ट्रेशन कराने के लिए खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2008 के तहत लाइसेंस लेना और रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। अथॉरिटी का कहना है कि खाद्य सुरक्षा और मानक नियमन, 2011 के तहत कोई भी व्यक्ति भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) का प्रमाणन चिह्न हासिल करने के बाद ही बोतलबंद या मिनरल वॉटर की बिक्री कर सकता है। इसके साथ ही ग्राहकों को भी यह ध्यान रखना होगा कि जो बोदलबंद पानी वे खरीद रहे हैं, उस पर बीआईएस की मार्किंग है या नहीं।
रिन्यूअल के लिए भी जरूरी होगा बीआईएस लाइसेंस
फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने कहा है कि बोतलबंद पानी और मिनरल वॉटर तैयार करने वाली कई कंपनियां उसके लाइसेंस पर काम कर रही हैं, लेकिन उनके पास बीआईएस सर्टिफिकेशन (BIS Certification) मार्क नहीं है। इसे देखते हुए बीआईएस से लाइसेंस लेना भी अनिवार्य कर दिया गया है। यहां तक कि FSSAI के लाइसेंस के रिन्युअल के लिए भी बीआईएस लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा। इससे बाजार में मिनरल वॉटर के नाम पर धोखाधड़ी नहीं हो सकेगी।