सार

सरकार ने देश में कोरोनावायरस के रोकथाम के लिए लॉकडाउन के कारण माल की एक राज्य से दूसरे राज्य में ढुलाई में आ रही बाधाओं को देखते हुए ई-वे बिल की वैलिडिटी 30 अप्रैल तक के लिये बढ़ा दी है

बिजनेस डेस्क: सरकार ने देश में कोरोनावायरस के रोकथाम के लिए लॉकडाउन के कारण माल की एक राज्य से दूसरे राज्य में ढुलाई में आ रही बाधाओं को देखते हुए ई-वे बिल की वैलिडिटी 30 अप्रैल तक के लिये बढ़ा दी है। यह सुविधा उन बिलों के लिये है जिनकी वैलिडिटी की समयसीमा 20 मार्च से 15 अप्रैल के बीच है।

जीएसटी क्रेडिट का भी लाभ

बता दें कि लॉकडाउन के कारण देश भर में राष्ट्रीय राजमार्गों पर माल से लदे ट्रक फंसे हुए हैं। इस कदम से इन ट्रकों को फायदा होगा। ई-वे बिल की जरूरत एक राज्य से दूसरे राज्य में 50 हजार रुपये से अधिक की माल की ढुलाई करने में होती है। 

इस मामले में शुक्रवार को वित्त मंत्रालय की ओर से एक नोटिफिकेशन जारी किया गया था। इसके अलावा वित्त मंत्रालय ने अस्थायी तौर फरवरी से अगस्त के लिए जीएसटी क्रेडिट का लाभ उठाने के लिए व्यवसायों पर लगाए गए प्रतिबंधों को अस्थायी रूप से हटा दिया है, एक ऐसा कदम कोरोनवायरस की वजह से कारोबारियों को हो रहे आर्थिक नुकसान से निपटने में मदद करेगा। इससे देश के करीब 1।2 करोड़ टैक्स पेयर को फायदा मिलेगा।

जीएसटीआर-3बी की लेट फीस में दी छूट

इसके अलावा सरकार ने फरवरी-अप्रैल के लिए जीएसटीआर-3बी रिटर्न में देरी पर लेट फीस में छूट देने का ऐलान किया है। अगर 5 करोड़ से ज्यादा की कमाई पर फरवरी-अप्रैल के जीएसटीआर-3बी रिटर्न फॉर्म को 24 जून तक भरा जाता है, तो उन्हें लेट फीस में छूट दी जाएगी।

वहीं, अगर 1।5 करोड़ से 5 करोड़ की कमाई पर फरवरी मार्च के जीएसटीआर-3बी को 29 जून और अप्रैल जीएसटीआर-3बी को 30 जून तक भरा जाता है, तो लेट फीस में छूट मिलेगी। इसके अलावा 1।5 करोड़ से ज्यादा की कमाई पर फरवरी के जीएसटीआर-3बी को 30 जून तक भरने और मार्च के फॉर्म को 3 जुलाई को भरना होगा। इसी तरह अप्रैल के फॉर्म को 6 जुलाई तक भरने पर लेट फीस में छूट मिलेगी।

क्या है ई-वे बिल

जीएसटी (GST) के तहत शुरू किया गया इलेक्ट्रॉनिक वे बिल (ई-वे बिल) देश भर में लागू है। फिलहाल ई-वे बिल सिस्टम को पचास हजार रुपए से अधिक के सामान को सड़क, रेल, वायु या जलमार्ग से एक राज्य से दूसरे राज्य में ले जाने पर लागू किया गया है।

(प्रतीकात्मक फोटो)