सार
सरकार ने सोमवार को कहा कि फास्ट टैग जागरूकता कार्यक्रम सोशल मीडिया सहित विभिन्न प्लेटफार्म के माध्यम से चलाया जा रहा है तथा इस वर्ष 28 जनवरी तक 1.4 करोड़ से अधिक फास्ट टैग जारी किए जा चुके थे।
नई दिल्ली. सरकार ने सोमवार को कहा कि फास्ट टैग जागरूकता कार्यक्रम सोशल मीडिया सहित विभिन्न प्लेटफार्म के माध्यम से चलाया जा रहा है तथा इस वर्ष 28 जनवरी तक 1.4 करोड़ से अधिक फास्ट टैग जारी किए जा चुके थे।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन जयराम गडकरी ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार ने जुलाई 2019 में यह घोषणा की थी कि राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क प्लाजा पर एक दिसंबर 2019 से एक लेन को छोड़कर सभी लेनों को शुल्क प्लाजा की फास्ट टैग लेन बनाया जाएगा।
हाईब्रिड लेन में परिवर्तित किया जा सकता हैं
गडकरी ने बताया कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचआई) के अनुरोध और नागरिकों को होने वाली असुविधा को ध्यान में रखते हुए सरकार ने निर्णय किया कि 25 प्रतिशत फास्ट टैग लेनों को अस्थायी रूप से 15 दिसंबर 2019 से अगले 30 दिनों के लिए संबंधित क्षेत्रीय अधिकारी के अनुमोदन के साथ हाईब्रिड लेन में परिवर्तित किया जा सकता हैं
गडकरी ने कहा
उन्होंने कहा कि इसके बाद एनएचआई के केवल 65 शुल्क प्लाजाओं पर 15 जनवरी 2020 से 30 दिनों के लिए फास्ट टैग फीस लेन की घोषणा से संबंधित शर्तों में ढील देने का निर्णय किया गया ताकि नागरिकों को असुविधा न हो।
गडकरी ने कहा कि इन 65 शुल्क प्लाजाओं को इस अवधि के दौरान सभी शुल्क लेने के 25 प्रतिशत तक हाइब्रिड (नकद सह फास्ट टैग) लेन के रूप में संचालित करने की अनुमति दी गयी है। बाकी शुल्क प्लाजाओं के लिए यह व्यवस्था जनादेश के अनुसार लागू की गयी है।
सोशल मीडिया, प्रिंट मीडिया, विज्ञापनों आदि के माध्यम से संचालित
उन्होंने कहा कि इस साल 28 जनवरी तक 1.4 करोड़ से अधिक फास्ट टैग जारी किये जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि फास्ट टैग जागरूकता कार्यक्रम विभिन्न प्लेटफार्म जैसे सोशल मीडिया, प्रिंट मीडिया, होर्डिंग, विज्ञापनों आदि के माध्यम से संचालित किया जा रहा है।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)