सार
अगले महीने होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक काफी अहम मानी जा रही है। उच्चतम स्तर की महंगाई झेल रही जनता को इस बैठक के बाद महंगाई का एक और डोज झेलना पड़ सकता है, क्योंकि इसमें जीएसटी परिषद ने राज्यों से भी राजस्व बढ़ाने के सुझाव मांगे हैं।
नई दिल्ली। पहले से ही महंगाई झेल रहे मध्यम वर्ग पर जीएसटी (GST) की एक और मार पड़ सकती है। सूत्रों के मुताबिक जीएसटी काउंसिल ने अब 143 वस्तुओं पर दरों में वृद्धि के लिए राज्यों के विचार मांगे हैं। जिन आयटम्स पर जीएसटी (GST RATE) दरें बढ़ाई जा सकती हैं उनमें हैंडबैग, परफ्यूम/डिओडोरेंट्स, चॉकलेट, च्यूइंग गम, चमड़े के परिधान और कपड़ों के सामान और अखरोट शामिल हैं।
143 में से 92 प्रतिशत वस्तुएं 28 फीसदी स्लैब में आएंगी
इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के मुताबिक कुल 143 वस्तुओं में से 92 प्रतिशत को 18 प्रतिशत टैक्स स्लैब से शीर्ष 28 प्रतिशत स्लैब में डाले जाने का प्रस्ताव है। 143 वस्तुओं में कस्टर्ड पाउडर, घड़ियां, पापड़, सूटकेस, गुड़, हैंडबैग, इत्र/डिओडोरेंट्स, पावर बैंक, रंगीन टीवी सेट (32 इंच से नीचे), चॉकलेट, सिरेमिक सिंक, वॉश बेसिन, च्युइंग गम, अखरोट, काले चश्मे शामिल हैं। इसके अलावा चश्मे के फ्रेम, गैर-मादक पेय, चमड़े के परिधान और कपड़ों के सामान भी इस लिस्ट में शामिल हैं।
गुड, पापड़ पर भी जीएसटी लगाने की तैयारी
पापड़ और गुड़ जैसी वस्तुएं अभी तक जीएसटी फ्री हैं, जिन्हें 5 प्रतिशत जीएसटी स्लैब में डाला जा सकता है। अखरोट के लिए जीएसटी दर 5 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी, कस्टर्ड पाउडर के लिए 5 फीसदी से 18 फीसदी और लकड़ी के टेबल और बरतन के लिए 12 फीसदी से बढ़कर 18 फीसदी हो सकती है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, देश में अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के लिए शासी निकाय, जीएसटी परिषद, अगले महीने अपनी बैठक में ज्यादा खपत वाले कुछ सामानों को 5 फीसदी वाले स्लैब से हटाकर तीन फीसदी वाले स्लैब में डाल सकती है। पांच प्रतिशत वाला स्लैब खत्म कर बाकी चीजों को आठ प्रतिशत के स्लैब में रखा जा सकता है।
अभी इतने जीएसटी स्लैब
- 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत।
छूट वाली वस्तुओं की लिस्ट घटाएगी सरकार
जीएसटी काउंसिल ने 18 फीसदी के स्लैब में 480 आइटम को रखा है। इनके जरिये ही करीब 70 फीसदी जीएसटी संग्रह आता है। इसके अलावा, अनब्रांडेड और अनपैक्ड खाद्य पदार्थों जैसी वस्तुएं जीएसटी फ्री हैं, जिनसे कोई टैक्स कलेक्शन नहीं होता है। न्यूज एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जीएसटी काउंसिल कुछ गैर-खाद्य पदार्थों को 3 प्रतिशत स्लैब में ले जाकर छूट वाली वस्तुओं की सूची में कटौती करने का भी फैसला कर सकती है।
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