सार

अप्रैल माह में अब तक का सबसे अधिक जीएसटी कलेक्शन (GST Collections) हुआ है। सरकार को 1,67,540 करोड़ रुपए की कमाई हुई है। महाराष्ट्र में सबसे अधिक जीएसटी संग्रह हुआ।

नई दिल्ली। अप्रैल माह में अब तक का सबसे अधिक जीएसटी संग्रह (GST Collections) हुआ है। बेहतर अनुपालन और तेज आर्थिक सुधार के चलते यह कामयाबी मिली है। सरकार को 1,67,540 करोड़ रुपए की कमाई हुई है। वित्त मंत्रालय ने रविवार को एक बयान में कहा कि यह मार्च में दर्ज 1,42,095 करोड़ रुपए के पिछले उच्चतम संग्रह से 25,000 करोड़ रुपए अधिक है।

अप्रैल 2022 में सकल जीएसटी (Goods and Services Tax) राजस्व 1,67,540 करोड़ रुपए है, जिसमें सीजीएसटी 33,159 करोड़ रुपए, एसजीएसटी 41,793 करोड़ रुपए और आईजीएसटी 81,939 करोड़ रुपए (माल के आयात पर एकत्र 36,705 करोड़ रुपए सहित) है। उपकर 10,649 करोड़ रुपए (माल के आयात पर एकत्रित 857 करोड़ रुपए सहित) है।

वित्त मंत्रालय ने कहा कि यह अनुपालन व्यवहार में स्पष्ट सुधार दिखाता है। यह कर प्रशासन द्वारा करदाताओं को समय पर रिटर्न दाखिल करने के लिए किए गए विभिन्न उपायों का परिणाम है। इसके साथ ही डेटा विश्लेषण और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस  की मदद से पहचाने गए गलत करदाताओं के खिलाफ सख्त प्रवर्तन कार्रवाई की गई है। 

महाराष्ट्र में सबसे अधिक हुआ जीएसटी संग्रह 
लेटेस्ट आधिकारिक डाटा के अनुसार महाराष्ट्र में सबसे अधिक जीएसटी संग्रह 27,495 करोड़ रुपए रहा, इसके बाद कर्नाटक (11,820 करोड़ रुपए), गुजरात (11,264 करोड़ रुपए), उत्तर प्रदेश (8,534 करोड़ रुपए) और हरियाणा (8,197 करोड़ रुपए) का स्थान रहा। सबसे कम जीएसटी संग्रह करने वाले राज्यों में मिजोरम (46 करोड़ रुपए), नागालैंड (68 करोड़ रुपए), मणिपुर (69 करोड़ रुपए), त्रिपुरा (107 करोड़ रुपए) और अरुणाचल प्रदेश (196 करोड़ रुपए) थे। आंकड़ों से पता चलता है कि कुछ केंद्र शासित प्रदेशों ने इससे भी कम या नगण्य जीएसटी राशि एकत्र की।

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20 प्रतिशत अधिक मिला राजस्व
अप्रैल 2022 के लिए राजस्व पिछले साल के इसी महीने में जीएसटी राजस्व से 20 प्रतिशत अधिक है। माल के आयात से राजस्व 30 प्रतिशत अधिक और घरेलू लेनदेन (सेवाओं के आयात सहित) से राजस्व पिछले साल के इसी महीने के दौरान इन स्रोतों से राजस्व से 17 प्रतिशत अधिक था। बयान में कहा गया है कि पहली बार सकल जीएसटी संग्रह 1.5 लाख करोड़ रुपए के आंकड़े को पार कर गया है। मार्च 2022 में उत्पन्न ई-वे बिलों की कुल संख्या 7.7 करोड़ थी, जो फरवरी 2022 में उत्पन्न 6.8 करोड़ ई-वे बिलों की तुलना में 13 प्रतिशत अधिक है। यह तेज गति से व्यावसायिक गतिविधि की वसूली को दर्शाता है।

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