सार

जीएसटी रिटर्न (GST Return) से जुड़े नियमों में 1 जनवरी, 2021 से बड़ा बदलाव होने जा रहा है। नए नियमों के तहत सालाना 5 करोड़ रुपए तक का व्यवसाय करने वाले छोटे कारोबारियों को सिर्फ 4 सेल्स रिटर्न फाइल करने होंगे। 

बिजनेस डेस्क। जीएसटी रिटर्न (GST Return) से जुड़े नियमों में 1 जनवरी, 2021 से बड़ा बदलाव होने जा रहा है। नए नियमों के तहत सालाना 5 करोड़ रुपए तक का व्यवसाय करने वाले छोटे कारोबारियों को सिर्फ 4 सेल्स रिटर्न फाइल करने होंगे। जीएसटी रिटर्न के नियमों में यह बदलाव केंद्र सरकार ने छोटे कारोबारियों को राहत देने के लिए किया है। राजस्‍व विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस समय कारोबारियों को मासिक आधार पर 12 रिटर्न (GSTR 3B) दाखिल करने होते हैं। इसके अलावा, उन्हें 4 जीएसटीआर 1 (4 GSTR 1) भरना होता है। नया नियम लागू होने के बाद टैक्सपेयर्स को केवल 8 रिटर्न भरने होंगे। इनमें 4 जीएसटीआर 3बी और 4 जीएसटीआर 1 (GSTR 1) रिटर्न भरना होगा।

94 लाख टैक्सपेयर्स पर होगा असर
जानकारी के मुताबिक, टैक्स के मासिक भुगतान की योजना के साथ तिमाही रिटर्न दाखिल (QRMP) करने की योजना का असर करीब 94 लाख टैक्सपेयर्स पर पड़ेगा। यह जीएसटी के तहत रजिस्टर्ड टैक्सपेयर्स का लगभग 92 फीसदी है। इस योजना से जीएसटी में रजिस्टर्ड उन कारोबारियों को फायदा होगा, जिनका सालाना व्यवसाय 5 करोड़ रुपए तक का है। अगले साल जनवरी से छोटे कारोबारियों को साल में 4 जीएसटीआर-3बी और चार जीएसटीआर-1 रिटर्न ही दाखिल करने होंगे। इस योजना को इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) उपलब्ध कराने में भी लागू किया जाएगा। यह केवल रिपोर्ट किए जाने वाले बिलों को लेकर होगी। इस योजना के तहत इनवॉयस दाखिल करने की सुविधा (IIF) का विकल्प भी दिया जाएगा। 

1 जनवरी 2021 से लागू होगी नई व्यवस्था
जीएसटी काउंसिल (GST Council) ने 5 अक्ट्रबर को हुई अपनी बैठक में इसके बारे में फैसला किया था। इसमें कहा गया था कि 5 करोड़ रुपए तक का सालाना कारोबार करने वाले व्यवसायियों को टैक्स का मासिक भुगतान करने के साथ तिमाही आधार पर रिटर्न दाखिल करने की अनुमति दी जा सकती है। यह व्यवस्था 1 जनवरी 2021 से लागू होगी।

नवंबर में 1.05 लाख करोड़ रुपये का GST कलेक्शन
नवंबर में जीएसटी कलेक्शन (GST Collection) एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा रहा। वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल नवंबर में जीएसटी से सरकार को 1,04,963 करोड़ रुपए की आमदनी हुई। इस कलेक्शन में CGST के रूप में सरकार को 19,189 करोड़ रुपए हासिल हुए। SGST के रूप में सरकार को 25,540 करोड़ रुपए मिले, वहीं IGST के रूप में सरकार को 51,992 करोड़ रुपये की आमदनी हुई। सेस के जरिए सरकार को 8,242 करोड़ रुपए की आय हुई।