सार
EPFO के सदस्यों को यूनिवर्सल अकाउंट नंबर दिया जाता है। यह एक विशेष पहचान नंबर होता है। आइये जानतें हैं कि सिंपल स्टेप में इसे कैसे जेनरेट और एक्टिवेट कर सकते हैं।
बिजनेस डेस्कः यूनिवर्सल अकाउंट नंबर EPFO के सदस्यों को दी जाने वाली एक यूनिक आईडी नंबर है। यह संख्या 12 अंकों की होती है। इन दिनों सभी महत्वपूर्ण सेवाएं ऑनलाइन हो रही हैं। यूएएन नंबर आपको ईपीएफ बैलेंस देखने, पैसे निकालने और पीएफ ऋण आवेदन प्राप्त करने में मदद करता है। चलिए आपको बताते हैं कि कैसे कुछ मिनटों में आप यूएएन नंबर को एक्टिवेट कर सकते हैं।
कैसे पता करें अपना यूएएन नंबर
अगर आप किसी कंपनी में काम कर रहे हैं और आपको अपना यूएएन नंबर के बारे में जानकारी है, तो आप उस कंपनी के एचआर से यूएन नंबर पूछ सकते हैं। इसके अलावा आप ईपीएफओ के यूएएन पोर्टल के जरिए पता लगा सकते हैं। आपको जॉब चेंज करते वक्त अपना यूएएन नई कंपनी के साथ देना पड़ता है, ताकि आपका पिछला शेष नए खाते में ट्रांसफर हो सके।
UAN कैसे करें एक्टिवेट
- सबसे पहले आपको EPFO की ऑफिशियल वेबसाइट जाएं।
- Services मेन्यू में For Employee पर क्लिक करें।
- Member UAN/Online Service ऑप्शन पर क्लिक करें, इसके बाद एक पेज ओपेन होगा।
- इसके बाद एक्टिवेट यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) के ऑप्शन पर क्लिक करें।
- इसके बाद सावधानीपूर्वक सभी डिटेल्स भरें और Get Authorization Pin पर क्लिक करें
- इसके बाद रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक वन टाइम पॉसवार्ड ( OTP) आएगा।
- ओटीपी भरने के बाद आपको डिटेल्स वेरीफाई करना होगा। इसके बाद Agree पर क्लिक करें। फिर UAN को एक्टिवेट कर देना है।
- UAN नंबर एक्टिवेट होने में छह घंटे का समय लगता है। एक बार जब यूएन नंबर एक्टिवेट हो जाता है तो आप पीएफ से जुड़े हुए हर काम कर सकते हैं।
क्या है यूएन नंबर
ईपीएफओ में पंजीकृत होने के साथ ही कर्मचारी इस संगठन का सदस्य बन जाता है। इसके साथ ही संगठन आपको 12 अंकों का एक यूएन नंबर उपलब्ध कराती है। बता दें कि UAN का फुल फॉर्म यूनिवर्सल एकाउंट नंबर (Universal Account Number) है। इस नंबर से उपयोगकर्ता EPFO की ऑनलाइन सेवाओं को उपयोग करके अपने खाते से संबंधित सभी जानकारी प्राप्त कर सकता है।
19.34 करोड़ खातों की देखभाल करता है ईपीएफओ
कर्मचारी भविष्य निधि विश्व में सबसे बड़ा सामाजिक सुरक्षा संगठन है, 2016-2017 वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, EPFO वर्तमान में 19.34 करोड़ खातों का रखरखाव करता है।
15 नवंबर 1951 को हुई थी स्थापना
कर्मचारी भविष्य निधि की स्थापना दिनांक 15 नवंबर 1951 में हुई थी, इसकी स्थापना कर्मचारी भविष्य निधि अध्यादेश के जारी होने के साथ हुई थी। इस अध्यादेश को कर्मचारी भविष्य निधि अधिनियम 1952 द्वारा बदला गया। कर्मचारी भविष्य निधि बिल को संसद में वर्ष 1952 के बिल संख्या 15 के रूप में लाया गया, ताकि कारखानों तथा अन्य संस्थानों में कार्यरत कर्मचारियों के भविष्य निधि की स्थापना के प्रावधान हो सके।
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