सार
एप्पल का शेयर (Apple Share Price) उस जादुई आंकड़ें से नीचे जिसकी वजह से कंपनी का मार्केट कैप (Apple Market Cap) 3 ट्रिलियन डॉलर से ऊपर चला गया था। वैसे कंपनी की शुरूआत की कहानी काफी दिलचस्प है।
बिजनेस डेस्क। Apple इस सप्ताह 3 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा वैल्यू की दुनिया की पहली कंपनी बन गई है। ताज्जुब की बात तो ये है कि यह वैल्यू ब्रिटेन और इंडिया की जीडीपी से ज्यादा बड़ी है। वैसे कंपनी का शेयर (Apple Share Price) उस जादुई आंकड़ें से नीचे जिसकी वजह से कंपनी का मार्केट कैप (Apple Market Cap) 3 ट्रिलियन डॉलर से ऊपर चला गया था। वैसे कंपनी की शुरूआत की कहानी काफी दिलचस्प है। करीब 45 साल पहले Apple Inc. की स्थापना (Apple Inc. Establishment) 1976 में स्टीव जॉब्स, स्टीव वोज्नियाक और रोलैंड वेन द्वारा की गई थी। उस समय कंपनी का स्वरूप ऐसा नहीं था जैसा कि आज देखने को मिल रहा है। कंपनी का पहला प्रोडक्ट स्टीव वोज्नियाक ने तैयार किया था जिसका नाम एप्पल 1-हैंड था।
एप्पल 1 से शुरू हुआ सफर
Apple 1 एक ऐसा कंप्यूटर था जिसमें यूजर को को काम करने के लिए केवल एक कीबोर्ड और स्क्रीन की जरुरत थी। जॉब्स का विचार था कि तीनों 50 कंप्यूटर्स को बनाए और बेचें। इस पूरे प्रोजेक्ट को फाइनेंस करने के लिए अपनी कार को बेच दिया और बाइक का इस्तेमाल किया। वहीं स्टीव वोज्नियाक ने अपना एक कीमती इलेक्ट्रोनिक कैलकुलेटर बेच दिया। मौजूदा समय में एप्पल 1 काफी कम बचे हैं। इसका एक कारण और भी है। स्टीव वोज्नियाक, दुनिया के एकमात्र व्यक्ति हैं जो इस प्रोडक्ट की सर्विस कर सकते हैं। साथ ही उस समय वो खुद सभी कस्टमर्स के सवालों के जवाब भी देते थे।
एप्पल 2 और पहला डेस्कटॉप कंप्यूटर
आम लोगों के जीवन को आसान बनाने के लिए 1977 में Apple 2 सामने आया, तो फर्म ने पुराना मॉडल लौटाने के साथ नए मॉडल पर छूट की छूट की पेशकश की। जिनमें से कई तब तक पुराने मॉडल नष्ट हो गए थे। 1977 में वेन ने भी Apple छोड़ दिया, और कंपनी आगे बढ़ती रही, अंततः दिसंबर 1980 में शेयर बाजार में तैरती हुई दिखाई दी। 1984 में Apple वह उत्पाद लाया जिसने अपना नाम बनाना शुरू कर दिया, इस प्रोडक्ट का नाम है Macintosh। यह स्क्रीन और माउस वाला पहला कंज्यूमर डेस्कटॉप कंप्यूटर था, और इसे उपयोग में आसान और कम लागत वाला बनाया गया था।
गेमचेंजर प्रोडक्ट्स
1990 के दशक में Apple ने विशिष्ट रंगीन प्लास्टिक से बने ऑल-इन-वन कंप्यूटर iMac सहित कई प्रोडक्ट्स लेकर आया, लेकिन कंपनी अभी भी अपनी वर्तमान स्थिति से बहुत दूर थी। लेकिन 2001 एप्पल के लिए एक गेमचेंजर ईयर साबित हुआ। इस साल कंपनी आईपॉड पोर्टेबल म्यूजिक प्लेयर लाया। आर्इपॉड न केवल अच्छा दिखता था और अच्छी तरह से काम करता था, यह 1,000 गाने रख सकता था। उस समय ऐसा पूरी दुनिया ने ना कभी देखा था और ना कभी सुना था। उसके बाद ऐप्पल ने 2007 में आईफोन स्मार्टफोन और 2010 में आईपैड टैबलेट कंप्यूटर के साथ उस सफलता पर निर्माण किया। दोनों प्रोडक्ट के ही डिजाइन क्लासिक्स और प्राइस स्टेटस सिंबल थे।
यह भी पढ़ें:- मारुति, महिंद्रा या होंडा नहीं हुंडई है भारत में लोगों की सबसे फेवरेट कार, दुनिया में टोयोटा का जलवा
तीन साल में एक से 3 ट्रिलियन तक पहुंची कंपनी
2018 में Apple स्टॉक 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गया, लेकिन फिर पूरी दुनिया महामारी की चपेट में आ गई। पूरी दुनिया देशों में लॉकडाउन लगाना पड़ा। यहां भी कोरोनावायरस लॉकडाउन Apple के प्रोफिटेबल साबित हुआ। क्योंकि लोग तेजी से काम कर रहे थे और घर से दूसरों के साथ एप्पल प्रोडक्ट्स से कंयूनिकेट कर रहे थे। अगस्त 2020 में एप्पल का मार्केट कैप 2 ट्रिलियन डॉलर था, क्योंकि बड़ी तकनीकी कंपनियों की वैल्यू में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा था।
यह भी पढ़ें:- बासमती चावल बनाने वाली कंपनी ने एक साल में एक लाख के बना दिए 26 लाख रुपए से ज्यादा, जानिए कैसे
क्या कहते हैं टिम कुक
यह सफलता इस सप्ताह की शुरुआत तक जारी रही, जब इसकी कीमत 3 ट्रिलियन डॉलर हो गई। जब Apple की वैल्यू 3 ट्रिलियन हुई तो सीईओ टिम कुक ने कर्मचारियों को एक विनम्र ईमेल भेजकर कहा कि यह उपलब्धि हमारी सफलता का मानक नहीं है। उन्होंने कहा कि फाइनेंशियल रिटर्न केवल एप्पल इनोवेशन का परिणाम है, हमारे प्रोडक्ट्स और कस्टमर्स प्रायोरिटी हैं। माना जा रहा है कि इस एप्पल और भी प्रोडक्ट ला सकता है, जिसमें छोटा मैक प्रो कंप्यूटर और एक आईपैड प्रो शामिल है, जो वायरलेस चार्जिंग को सपोर्ट करेगा।