सार
अमेरिका और चीन के बाद बाद भारत में सबसे ज्यादा यूनिकॉर्न हैं। यूनिकॉर्न उन स्टार्टअप्स को कहते हैं, जिनकी वैल्यू 1 अरब डॉलर से ज्यादा होती है। भारत में 240 अरब डॉलर मार्केट कैपिटलाइजेशन वाली 100 यूनिकॉर्न हैं।
बिजनेस डेस्क। अमेरिका और चीन के बाद बाद भारत में सबसे ज्यादा यूनिकॉर्न हैं। यूनिकॉर्न उन स्टार्टअप्स को कहते हैं, जिनकी वैल्यू 1 अरब डॉलर से ज्यादा होती है। भारत में 240 अरब डॉलर मार्केट कैपिटलाइजेशन वाली 100 यूनिकॉर्न हैं। देश में फिलहाल 1 अरब डॉलर से ज्यादा मार्केट वैल्यू वाली 336 लिस्टेड कंपनियां हैं। क्रेडिट सुईस (Credit Suisse) ने अपनी हालिया रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी है। क्रेडिट सुईस के एशिया पैसेफिक के इक्विटी स्ट्रैटेजी को-हेड नीलकंठ मिश्र ने कहा है कि भारत में अलग-अलग इंडस्ट्री की कुल 100 यूनिकॉर्न हैं। ये फार्मा, बायोटेक और कंज्यूमर गुड्स सेक्टर में काम कर रही हैं। इन कंपनियों को सरकार की बिजनेस फॉर्मलाइजेशन और डिटिजाइजेशन की नीति का काफी फायदा मिला है।
किस क्षेत्र में हैं ज्यादा स्टार्टअप्स
ज्यादातर यूनिकॉर्न ई-कॉमर्स, फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी, एजुकेशन टेक्नोलॉजी, फूड डिलिवरी और मोबिलिटी स्पेस की होती हैं। वहीं, अब सॉफ्टवेयर, गेमिंग डिस्ट्रीब्यूशन और लॉजिस्टिक्स. मॉडर्न ट्रेड, बायोटेक और फार्मा सेक्टर में भी स्टार्टअप्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
मुंबई, दिल्ली और बेंगलुरु में सबसे ज्यादा यूनिकॉर्न
क्रेडिट सुईस की रिपोर्ट के मुताबिक, यूनिकॉर्न के हिसाब से लिस्टेड कंपनियों में करीब अधी मुंबई, दिल्ली और बेंगलुरु में शुरू हुई थीं। वहीं, 20 फीसदी स्टार्टअप्स की शुरुआत टॉप-10 शहरों से बाहर हुई। बता दें कि देश में यूनिकॉर्न का सबसे बड़ा केंद्र बेंगलुरु है। इसके बाद दिल्ली-एनसीआर और मुंबई का स्थान आता है।
फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी कंपनियों का है दबदबा
क्रेडिट लुईस की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी कंपनियों में करीब 10 अरब डॉलर का निवेश हुआ है। इनका इंडियन स्टार्टअप्स में दबदबा है। इंडियन फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी कंपनियों को डिजिटल पेमेंट से बढ़ावा मिल रहा है और पिछले 5 सालों में इसमें 10 गुना बढ़ोत्तरी हुई है। टोटल पेमेंट में अब इनका हिस्सा करीब 30 फीसदी यानी 450 डॉलर हो गया है।
दुनिया का आठवां सबसे बड़ा बाजार
भारतीय शेयर बाजार के टोटल मार्केट कैपिटलाइजेशन के हिसाब से यह दुनिया का आठवां सबसे बड़ा बाजर है। क्रेडिट लुईस की रिपोर्ट के मुताबिक, मार्केट कैपिटलाइजेशन में 7 फीसदी बढ़ोत्तरी होती है, तो यह छठे नंबर पर आ जाएगा। बिजनेस एनालिटिक्स और ग्लोबल डेटाबेस कंपनी सीबी इनसाइट्स (CB Insights) के मुताबिक, दुनियाभर में 2005 अरब डॉलर के वैल्यूएशन वाली 603 यूनिकॉर्न हैं।
तीन तरह के होते हैं स्टार्टअप्स
स्टार्टअप्स की तीन कैटेगरी की होती है। 1 अरब डॉलर से ज्यादा वाले स्टार्टअप को यूनिकॉर्न, 10 अरब डॉलर से ज्यादा वाले को डेकाकॉर्न और 100 अरब डॉलर से ज्यादा पूंजी वाली कंपनी को हेक्टोकॉर्न कहा जाता है। चीन की बाइटडांस (ByteDance) दुनिया की अकेली हेक्टोकॉर्न है, जिसकी वैल्यू 140 अरब डॉलर है।