सार
एसबीआई (SBI) द्वारा ब्जाज की दरें बढ़ाए जाने के बाद इंडसइंड बैंक ने भी बैंक ब्याज दरें (Interest Rate) बढ़ा दी हैं। अब एफडी कराने पर ग्राहकों को ज्यादा फायदा मिलेगा। यह कस्टमर्स के लिए गुड न्यूज है।
मुंबई. भारतीय रिजर्व बैंक (State Bank Of India) द्वारा रेपो रेट में बढ़ोतरी कर दी गई है। इसके बाद देश में अन्य बैंकों ने भी ब्जाज की दरें (Interest Rate) बढ़ानी शुरू कर दी हैं। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के बाद एक्सिस बैंक, केनरा बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक ने भी ब्जाद दरें बढ़ा दी हैं। अब इसमें इंडसइंड बैंक का नाम भी जुड़ गया है क्योंकि बैंक ने एफडी की ब्याज दर बढ़ाकर 6.75 प्रतिशत कर दिया है। इसका सीधा फायदा कस्टमर्स को होगा।
इंडसइंड बैंक से पहले भी एसबीआई और एक्सिस सहित कई बैंकों ने फिक्स्ड डिपोजिट पर मिलने वाले ब्याज में बढ़ोतरी की थी। इस समय डिपॉजिट स्कीम और एफडी में 5 साल के लिए निवेश करने पर इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 80सी के तहत छूट का फायदा लिया जा सकता है। इतना ही नहीं 1.5 लाख रुपए तक के निवेश पर भी इनकम टैक्स की छूट का फायदा मिल सकता है।
किस बैंक की कितनी ब्याज दर
- स्टेट बैंक ऑफ इंडिया 5.5 प्रतिशत की ब्याज दर ऑफर करता है
- एक्सिस बैंक 5.75 प्रतिशत की ब्याज दर ऑफर करता है
- इंडसइंड बैंक अब 6.75 प्रतिशत की ब्याज दर दे रहा है
- यस बैंक भी 6.75 प्रतिशत की ब्याज दर ऑफर करता है
- इंडियन ओवरसीज बैंक 5.60 प्रतिशत की ब्याज देता है
(नोट- यह दरें 5 वर्ष के एफडी पर लागू हैं)
क्या होती है एफडी पर मिलने वाली ब्याज दर
सीधे और सरल शब्दों में कहा जाए तो एफडी पर मिलने वाली ब्जाज की दर सेविंग्स अकाउंट और करंट अकाउंट पर मिलने वाले ब्याज से ज्यादा होती है। कुछ साल पहले तक तो यह ब्याज दर करीब 15 प्रतिशत तक थी लेकिन इस वक्त यह 7 से 9 प्रतिशत के बीच है। यह अलग-अलग बैंकों में अलग-अलग होता है। यदि आप बचत खाते का एफडी करवाते हैं तो 4 से 5 वर्ष में रकम दोगुनी हो सकती है। यह समय भी बैंकों पर निर्भर करता है।
- एफडी के फायदे भी जानें
- एफडी निवेश सबसे सुरक्षित होता है क्योंकि इस पर बाजार के उतार-चढ़ाव का असर नहीं पड़ता
- एफडी में जमा राशि पर मिलने वाला ब्याज अन्य तरह के अकाउंट से ज्यादा होता है
- 5 वर्ष के लिए एफडी कराने पर इनकम टैक्स छूट मिलती है। ब्याज पर भी टैक्स नहीं लगता
- एफडी अकाउंट पर लोन भी लिया जा सकता है, जिसे आसानी से चुका भी सकते हैं
- बैंकों के अलावा गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां भी एफडी अकाउंट की सुविधा देती हैं।
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