सार
खास पॉलिसी की मेच्योरिटी साढ़े तीन महीने, साढ़े छह महीने और साढ़े नौ महीने रखी जा सकती हैं। पालिसी 50 हजार रुपये से पांच लाख रुपये तक सकती है जो पूरे देश के लिए एक समान होगी।
बिजनेस डेस्क। देश में कोरोना के मामलों की बढ़ती रफ्तार के मद्देनजर बीमा क्षेत्र के नियामक भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने बीमा कंपनियों को निर्देश दिए हैं। इरडा ने कहा है कि कंपनियां 10 जुलाई तक छोटी-छोटीअवधि वाली मानक कोविड चिकित्सा बीमा पालिसी या कोविड कवच बीमा लेकर आएं।
किस तरह की होगी पॉलिसी?
इरडा ने इस बारे में एक दिशानिर्देश जारी कर बीमा कंपनियों को कई सुझाव भी दिए। इरडा ने कहा कि कोरोना के लिए उत्पादों के नाम "कोरोना कवच बीमा" हों। इसमें कंपनियां अपना नाम भी जोड़ सकती हैं। यह सुझाव भी दिया कि खास पॉलिसी की मेच्योरिटी साढ़े तीन महीने, साढ़े छह महीने और साढ़े नौ महीने रखी जा सकती हैं।
50 हजार से 5 लाख रुपये के बीच पॉलिसी
बीमा कंपनियों की पालिसी 50 हजार रुपये से पांच लाख रुपये तक सकती है जो पूरे देश के लिए एक समान होगी। इसमें क्षेत्रों के भौगोलिक आधार पर फेरबदल नहीं किया जा सकता। नियामक ने साफ किया कि कोरोना के लिए खास पॉलिसिज का प्रीमियम क्षेत्रों के हिसाब से अलग-अलग नहीं किया जा सकता। प्रीमियम एक बार में देय होगा।
दूसरे रोगों को भी मिलेगा कवर
नियामक ने साफ किया कि ये पॉलिसी बीमित व्यक्ति को कोरोना में कवर तो देगा ही, साथ ही साथ पॉलिसी की अवधि के दौरान अन्य पुरानी और नई बीमारी के इलाज का खर्च भी इसमें शामिल होगा। किसी व्यक्ति के अस्पताल में भर्ती होने से लेकर घर पर इलाज कराने, अस्पताल में भर्ती होने से पहले और बाद के खर्चों को कवर भी देना होगा।
नियामक ने साफ कहा है कि 10 जुलाई 2020 से पहले ये बीमा उत्पाद उपलब्ध हो जाएं।