सार
14 नवंबर, 2020 से 14 दिसंबर, 2020 तक पहले चरण में, देश भर के व्यापारियों ने बेहद शानदार कारोबार किया था। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) की जानकारी के मुताबिक कारोबारियों ने "लगभग 25 लाख शादियों के साथ 3 लाख करोड़ का बिजनेस किया था।
बिजनेस डेस्क । 14 जनवरी से आगामी शादी का मौसम शुरू होने वाला है। इस तारीख से शुरू होकर 31 मार्च की अवधि के दौरान देश भर में लगभग 30 लाख शादियों के आयोजन के साथ 4 लाख करोड़ रुपये का कारोबार होने की संभावना जताई गई थी। वहीं देश में बढ़ते कोविड मामलों की वजह से शादी और दूसरे आयोजनों पर बड़ा असर पड़ेगा। वहीं ओमिक्रॉन के फैलाव की आशंका के चलते राज्य सरकारों द्वारा विभिन्न प्रतिबंधों को लागू करने से कारोबारियों को भारी नुकसान की आशंका है।
पिछले सीजन में हुआ 3 लाख करोड़ का कारोबार
कोविड की आशंका बढ़ते ही शादी का कारोबार अब कम होने की संभावना जताई गई है। एक्सपर्ट के मुताबिक अब 1.5 लाख करोड़ रुपये के मामूली कारोबार ही हो सकेगा। इसके साथ ही शादियों के सीजन के इस दूसरे दौर में अच्छा कारोबार करने की व्यापारियों की आकांक्षायों पर पानी फिर गया है। 14 नवंबर, 2020 से 14 दिसंबर, 2020 तक पहले चरण में, देश भर के व्यापारियों ने बेहद शानदार कारोबार किया था। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) की जानकारी के मुताबिक कारोबारियों ने "लगभग 25 लाख शादियों के साथ 3 लाख करोड़ का बिजनेस किया था।
कई राज्यों ने लगाए प्रतिबंध
CAIT ने आगे कहा कि बढ़ते कोविड मामलों ने व्यापारियों के उत्साह और उम्मीदों को काफी हद तक प्रभावित किया है, जिन्होंने पहले से ही शादियों के आयोजनों के लिए बेहतरीन व्यवस्था की है और आम तौर पर शादियों के लिए खरीदे गए सामानों का पर्याप्त स्टॉक है, ऐसे कारोबारियों को अब भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। बता दें कि दिल्ली के अलावा कई अन्य राज्यों ने भी शादियों में 50 या 100 व्यक्तियों की भागीदारी पर प्रतिबंध लगा दिया है जिससे शादी के कारोबार में काफी कमी आएगी।
करोड़ों लोगों के रोजगार पर पड़ेगा असर
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि शादी के सीजन के दूसरे चरण के दौरान 17 मुख्य विवाह मुहूर्त हैं और उसी के अनुसार दिल्ली सहित देश भर में बैंक्वेट हॉल, होटल, मैरिज लॉन, फार्म हाउस और अन्य विवाह स्थल थे, जो पूरी तरह से तैयार हैं। हर शादी में एक्सेसरीज़ की ख़रीद के अलावा, कई तरह की सेवाएं भी शामिल होती हैं, जिसमें टेंट, डेकोरेटर, फूलों की सजावट, क्रॉकरी, कैटरिंग सर्विस, ट्रैवल सर्विस, कैब सर्विस, प्रोफेशनल वेलकम ग्रुप, सब्जी विक्रेता, फोटोग्राफर भी शामिल हैं। इस सीजन में वीडियोग्राफर, बैंड-बाजा, शहनाई, ऑर्केस्ट्रा, डीजे, बारात के लिए घोड़े, मैरिज वैगन, लाइट और कई अन्य प्रकार की सेवाओं के बड़े कारोबार करने की संभावना थी। planned weddings के कारण Event management भी एक बड़े व्यावसायिक क्षेत्र के रूप में उभरा है, लेकिन कोविड के बढ़ते मामलों से इन कार्यक्षेत्रों में व्यापार की मात्रा में काफी कमी आएगी। शादी के मौसम में बड़ी संख्या में यूथ जनरेशन, कुशल, semi-skilled or unskilled व्यक्तियों को अस्थायी नौकरी मिल रही थी, जो भी बहुत प्रभावित होगी।
4 लाख करोड़ रुपये के कारोबार की थी आशंका
भरतिया और खंडेलवाल ने कहा कि विवाह सीजन के इस दूसरे चरण में लगभग 7 लाख शादियों में प्रति विवाह लगभग 2 लाख रुपये, 6 लाख शादियों में 5 लाख रुपये, 10 लाख शादियों में 10 लाख रुपये प्रति शादी खर्च की उम्मीद थी। 6 लाख शादियां जिसकी में प्रति विवाह 25 लाख, 50 हजार विवाह प्रति विवाह 50 लाख और 50 हजार विवाह 1 करोड़ रुपये या उससे अधिक होने का अनुमान लगाया गया था। इसी के मद्देनजर कारोबारियों ने करोड़ों रुपये की बिक्री के भारी अनुमान को देखते हुए बड़ी तैयारी कर ली है। शादी के इस एक सीजन में 4 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के कारोबार का अनुमान जताया गया था, इसे देखते हुए देशभर के व्यापारियों ने काफी तैयारी की थी जिसपर कोरोना के बढ़ते संक्रमण ने पानी फेर दिया है।
शादी के मुहूर्त
कैट की आध्यात्मिक एवं वैदिक ज्ञान समिति के अध्यक्ष एवं देश के जाने-माने ज्योतिषी दुर्गेश तारे ने कहा कि सितारों की गणना के अनुसार 22, 23, 24 और 25 जनवरी को 5, 6 फरवरी के महीने में, 7, 9, 10, 11, 12, 18, 19, 20 और 22 मार्च और 4 और 9 मार्च के महीने में विवाह के लिए बहुत ही शुभ मुहूर्त हैं। तारे ने बताया कि सनातन धर्म को मानने वालों के लिए इन मुहूर्तों का विशेष महत्व है, जबकि इन तिथियों के अलावा इन तीन महीनों में आर्य समाज, सिक्ख भाई, पंजाबी बिरादरी, गुजराती समाज, जैन समाज और अन्य कई वर्ग जो इसका पालन नहीं करते हैं। वे अपने धर्म औ मान्यताओं के हिसाब से विवाह समारोह की योजना करते हैं, ये विवाह भी बड़े पैमाने पर प्रभावित होंगे।
सैकड़ों व्यवसाय भी होंगे प्रभावित
भरतिया और खंडेलवाल (Mr. Bhartia and Mr. Khandelwal ) ने कहा कि प्रत्येक विवाह के खर्च का लगभग 20 प्रतिशत दूल्हा और दुल्हन के निजी एसेसरीज को जाता है, जबकि 80 प्रतिशत विवाह को संपन्न कराने में कार्यरत अन्य एजेंसियों के पास जाता है। शादियों के मौसम से पहले, जहां एक तरफ घरों और पेंट आदि की मरम्मत से बड़ी मात्रा में कारोबार होता है, वहां गहने, साड़ी, लहंगा-चुन्नी, रेडीमेड वस्त्र, कपड़े, जूते जैसी वस्तुओं का विशेष व्यवसाय होता है। दूसरी ओर शादी और ग्रीटिंग कार्ड, सूखे मेवे, मिठाई, फल, शादियों में इस्तेमाल होने वाली पूजा सामग्री, किराना, खाद्यान्न, सजावट, बिजली के सामान, इलेक्ट्रॉनिक्स और कई उपहार आइटम पर खर्च किया जाता है। ये सभी अब कोविड की वजह से प्रभावित होने जा रहे हैं।