सार
एलआईसी ने होम लोन को महंगा कर दिया है। अब 7.50 फीसदी ब्याज दर पर लोन मिलेगा। इससे पहले एसबीआई, आईसीआईसीआई, एचडीएफसी सहित कई बैंकों ने भी होम लोन को महंगा कर दिया था। इसके लिए जरूरी है कि आप सभी बैंकों के ब्याज दर को कंपेयर कर लें।
नई दिल्लीः एलआईसी (LIC) हाउसिंग फाइनांस लिमिटेड ने होम लोन की ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर दी है। अब होम लोन पर 7.50% ब्याज लगेगा। 20 जून से लागू हो गई हैं। इससे पहले SBI, ICICI और HDFC सहित अन्य बैंक भी होम लोन की ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर चुके हैं। लेकिन अभी भी यूनियन बैंक ऑफ इंडिया 7.40 प्रतिशत, पंजाब नेशनल बैंक 7.40 प्रतिशत, बैंक ऑफ बड़ौदा 7.45 प्रतिशत ब्याज दर पर होम लोन दे रही है। जानकारों का मानना है कि अगर आप होम लोन लेने जा रहे हैं, तो आपको बाजार के अलग-अलद बैंकों के भाव भी जान लेनी चाहिए। चलिए हम बताते हैं।
होम लोन के लिए कम रकम करें अप्लाई
याद रखें, घर खरीदते समय आपको कम रकम के लिए अप्लाय करना बेहतर रहेगा। इसे लोन के टर्म में लोन टू वैल्यू (LTV) रेश्यो कहते हैं. इसका मतलब होता हैकि आप ज्यादा रकम अपने पास से दें। बैंक से जितना कम हो सके उतना कम लोन लें। क्योंकि इससे आपको लोन सस्ता पड़ सकता है। इससे एक फायदा यह भी होता है कि आपको लोन मिलने के चांस बढ़ जाएंगे। जानकारी दें कि कोई भी बैंक आपकी प्रॉपर्टी की कीमत का 75-90% तक का लोन देता है। बाकि बचे रकम का डाउन पेमेंट देना होता है। अगर ऐसा नहीं किया, तो बैंक होम लोन नहीं दे सकेगी।
हर महीने EMI का रखें ख्याल
अहम बात तो यह है कि जब आप बैंक जाते हैं तो बैंक लोन देने से पहले देखता है कि आप हर महीने कितना EMI दे सकते हैं। इसे बैंक के टर्म में फिक्स ऑब्लिगेशन टु इनकम रेश्यो (FOIR) कहते हैं। इसके तहत बैंक देखता है कि आप कहीं पहले से तो EMI नहीं दे रहे हैं। घर का किराया कितना है। कोई इंश्योरेंस पॉलिसी है तो कितने की है। कहां कितना खर्च करते हैं। ये सारे खर्च आपकी सैलरी के कितने प्रतिशत भाग में आता है। बैंक को लगता है कि ये सारा खर्च आपकी सैलरी के आधा हिस्से से जाता है, तो बैंक आपके एप्लिकेशन को रिजेक्ट कर सकता है। इसलिए पहले से तय कर लें कि कितना EMI बनवाना है और आपका खर्च का रेश्यो कितना है।
पहले पेमेंट करने पर बैंक लगाते हैं पेनल्टी
कुछ बैंकों की टर्म और कंडीशन आपको पहले ही पढ़ लेना बेहतर रहेगा। क्योंकि कई बैंक ऐसे है, जो आपको प्री पेमेंट पर पेनल्टी लगा देंगे। मतलब कि आप अगर तय वक्त से पहले लोन का पूरा पेमेंट कर देते हैं, तो बैंक आप पर कोई फिक्स चार्ज लगा सकता है। बैंक को लगता है कि उनकी उम्मीद के मुताबिक कम ब्याज मिल रहा है। ऐसे में कुछ टर्म एंड कंडीशन पहले से लगाए जाते हैं, जो लोन के कागजात पर साफ लिखा होता है। उसे पढ़ना बेहद जरूरी होता है। यह भी जरूरी है कि जहां आपका अकाउंट हो, या जहां से आप फिक्स्ड डिपॉजिट या क्रेडिट कार्ड की सेवा ले रहे हैं, वहीं से लोन लें। क्योंकि बैंक अपने रेगुलर कस्टमर्स को आसानी से और उचित ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराते हैं।
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