सार
पूरे देश में कोरोना महामारी के बढ़ते असर को देखते हुए लॉकडाउन को बढ़ा दिया गया है। लॉकडाउन चौथी बार बढ़ाया गया है। केंद्र सरकार की घोषणा के मुताबिक, यह 18 मई से 31 मई तक चलेगा, लेकिन इस दौरान कई तरह की व्यावसायिक गतिविधियों की छूट दी गई है।
बिजनेस डेस्क। पूरे देश में कोरोना महामारी के बढ़ते असर को देखते हुए लॉकडाउन को बढ़ा दिया गया है। लॉकडाउन चौथी बार बढ़ाया गया है। केंद्र सरकार की घोषणा के मुताबिक, यह 18 मई से 31 मई तक चलेगा, लेकिन इस दौरान कई तरह की व्यावसायिक गतिविधियों की छूट दी गई है। इस बार लॉकडाउन बढ़ाए जाने के बावजूद दिल्ली, मुंबई और इंदौर जैसे रेड जोन वाले शहरों में भी लोग मोबाइल फोन, टीवी और दूसरी चीजों के लिए ई-कॉमर्स कंपनियों को ऑर्डर कर सकेंगे।
राज्य सरकारों के निर्देश का इंतजार
केंद्र सरकार ने ई-कॉमर्स कंपनियों को रेड जोन इलाकों में भी कस्टमर्स को सामान की ऑनलाइन डिलिवरी के निर्देश दे दिए हैं, लेकिन ई-कॉमर्स कंपनियों को फिलहाल राज्य सरकारों के निर्देशों का इंतजार है। वहीं, कस्टमर भी ऑनलाइन ऑर्डर की सुविधा मिलने से राहत महसूस कर रहे हैं।
ई-कॉमर्स सर्विस प्रतिबंधित नहीं
सरकार ने यह साफ कर दिया है कि ई-कॉमर्स सर्विस को इस बार प्रतिबंधित सूची में नहीं रखा गया है। सिर्फ कंटेनमेंट जोन में ही इन पर प्रतिबंध लागू होगा। कंटेनमेंट जोन में पहले की तरह सिर्फ अनिवार्य वस्तुओं की ही आपूर्ति की जा सकेगी।
जोन निर्धारित करने का फैसला राज्यों का
केंद्र सरकार ने इस बार लॉकडाउन के तहत रेड, ऑरेंज, ग्रीन जोन के साथ कंटेनमेंट और बफर जोन तय करने का फैसला राज्यों पर छोड़ दिया है। यह राज्यों को तय करना है कि कौन-सा इलाका किस जोन में आएगा। यही वजह है कि दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसी कंपनियां अभी ऑर्डर बुक नहीं कर रही हैं, क्योंकि राज्यों को कंटेनमेंट और बफर जोन के बारे में अभी जानकारी देनी है।
हर तरह का सामान डिलिवर करेंगी कंपनियां
लॉकडाउन 4.0 में ई-कॉर्मस कंपनियां हर तरह का सामान डिलिवर कर सकेंगी। इसके पहले लॉकडाउन 3 में उन्हें गैरजरूरी सामान बेचने की इजाजत नहीं थी। इस बार भी कंटेनमेंट और बफर जोन में ये कपंनियां सामान डिलिवर नहीं कर पाएंगी।