सार
चेन्नई में रहने वाले अरुण कृष्णमूर्ति को पर्यावरण से इतना लगाव था कि उसने गूगल में लगी नौकरी छोड़कर नदियों की सफाई का जिम्मा उठा लिया।
चेन्नई: आज एक समय में पॉल्यूशन के बढ़ते स्तर से सभी परेशान हैं। लोग दूसरों को और सरकार को कोसते हैं लेकिन खुद कोई पहल नहीं करते। लेकिन दुनिया में कुछ ऐसे भी लोग हैं जो इसका जिम्मा खुद लेते हैं।
अरुण कृष्णमूर्ति इसका बेहतरीन नमूना हैं। उन्हें पानी के बढ़ते टॉक्सिक लेवल की बात ने इतना परेशान किया कि उन्होंने अपनी गूगल की नौकरी छोड़कर झीलों और नदियों की सफाई का काम शुरू कर दिया। उन्होंने इस नेक काम की शुरुआत लोगों को साफ पानी मुहैया करवाने के अलावा जानवरों के लिए भी की।
93 झील कर चुके हैं साफ
दरअसल, अरुण आए दिन अपने आसपास और पेपर्स में झीलों और तालाब के गंदे पानी के बारे में पढ़ते थे। वैसे तो वो गूगल में अच्छी सैलरी पर काम कर रहे थे। लेकिन उन्होंने पर्यावरण के संरक्षण के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी। अभी तक अरुण ने 93 झीलों की सफाई की है।
एनजीओ के साथ करते हैं काम
अरुण अभियान पर्यावरण के साथ काम करते हैं। ये अभियान इंवायरमेंटलिस्ट फॉउंडेशन ऑफ इंडिया नाम के एनजीओ द्वारा शुरू किया गया है। इसके साथ काम करते हुए अरुण ने 14 राज्यों में सफाई का काम किया है।
सरकार ने भी किया सपोर्ट
अरुण के इस कदम का सरकार ने भी सपोर्ट किया। उन्हें हर स्टेट और सेंट्रल गवर्नमेंट से मदद मिली। वो किसी से फंड नहीं लेते। बस गवर्नमेंट के साथ मिलकर सफाई का काम करते हैं।
हो चुके हैं सम्मानित
अरुण का पर्यावरण के प्रति लगाव देखकर साल 2012 में 'द रोलेक्स अवार्ड फॉर एंटरप्राइज' से सम्मानित किया गया था।