सार
अमेरिकी फार्मा इंडस्ट्री ने कहा है कि भारत को अपने फार्मास्युटिकल क्षेत्र के लिए रिसर्च और डेवलपमेंट की नीति लानी चाहिए। भारत में API के उत्पादन को बढ़ावा देने की जरूरत है।
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2023-24 का बजट (Budget 2023-24) पेश करने वाली हैं। इससे पहले अमेरिकी फार्मा इंडस्ट्री ने कहा है कि भारत को अपने फार्मास्युटिकल क्षेत्र के लिए रिसर्च और डेवलपमेंट की नीति लानी चाहिए।
यूएसए-इंडिया चैंबर ऑफ कॉमर्स (यूएसएआईसी) के अध्यक्ष करुण ऋषि ने कहा कि अब समय आ गया है कि भारत सरकार दवा क्षेत्र के लिए रिसर्च एंड डेवलपमेंट पॉलिसी लेकर आए। अमेरिका के बोस्टन स्थित यूएसएआईसी पिछले 16 साल से भारत-अमेरिका स्वास्थ्य देखभाल शिखर सम्मेलन का आयोजन कर रहा है। इसमें भारत और अमेरिका के फार्मा क्षेत्र के दिग्गज शामिल होते हैं।
API उत्पादन को देना चाहिए बढ़ावा
करुण ऋषि ने कहा कि बायोफार्मा क्षेत्र में बजट का उद्देश्य रिसर्च और डेवलपमेंट द्वारा संचालित वैल्यू चेन को ऊपर ले जाना होना चाहिए। सही नीति से भारत दुनिया में रिसर्च और डेवलपमेंट का केंद्र बन सकता है। राष्ट्रीय सुरक्षा और ग्लोबल सप्लाई चेन की स्थिरता के लिए बजट में रिसर्च और डेवलपमेंट पर आधारित उत्पादन को बढ़ावा देने की जरूरत है। विशेषरूप से भारत में API (active pharma ingredients) के उत्पादन को बढ़ावा देने की जरूरत है।
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राजकोषीय घाटा कम करना है जरूरी
करुण ऋषि ने बताया कि दुनिया मंदी की चपेट में है। ऐसी स्थिति में भी भारत तेज गति से विकास कर रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और उनकी टीम को विकास रणनीतियों, स्वास्थ्य पर सार्वजनिक खर्च बढ़ाने, क्षमता निर्माण, कौशल विकास और रोजगार सृजन पर ध्यान देना चाहिए। वित्त मंत्री के लिए राजकोषीय घाटे को कम करने के लक्ष्य पर टिके रहना चुनौतीपूर्ण है, लेकिन उन्हें ऐसा करना चाहिए। कोरोना महामारी के दौरान भारत सरकार ने अर्थव्यवस्था में पैसा डाला था। सरकार ने सब्सिडी कम किया। इससे बाद भी राजकोषीय घाटा बढ़ा है।
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