सार

धनतेरस पर भारत के लिए अच्छी खबर है। देश के विदेशी मुद्रा भंडार में जोरदार उछाल आया है। रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, 3 नवंबर 2023 को खत्म हुए हफ्ते में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 4.67 बिलियन डॉलर का इजाफा देखने को मिला है।

India Forex Reserves Latest Data: धनतेरस पर भारत के लिए अच्छी खबर है। देश के विदेशी मुद्रा भंडार में जोरदार उछाल आया है। रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, 3 नवंबर 2023 को खत्म हुए हफ्ते में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 4.67 बिलियन डॉलर का इजाफा देखने को मिला है। इसके साथ ही अब भारत का कुल विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 590.78 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया है।

बता दें कि इससे पहले वाले हफ्ते में देश का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 586.11 अरब डॉलर पर था। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को विदेशी मुद्रा भंडार से जुड़े आंकड़े जारी किए। इसके मुताबिक, 3 नवंबर तक विदेशी मुद्रा भंडार 4,672 बिलियन डॉलर के उछाल के साथ 590.783 बिलियन डॉलर पर जा पहुंचा है। इस दौरान विदेशी करेंसी एसेट्स (FCA) में भी उछाल देखा गया और ये 4.392 बिलियन डॉलर की बढ़त के साथ 521.896 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया।

Gold Reserves में भी उछाल

त्योहारी सीजन में RBI के गोल्ड रिजर्व में भी उछाल आया है। रिजर्व बैंक का गोल्ड रिजर्व 200 मिलियन डॉलर की बढ़त के साथ 46.123 बिलियन डॉलर रहा। वहीं SDR में 64 मिलियन डॉलर का उछाल देखा गया और ये 17.975 अरब डॉलर रहा। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में जमा रिजर्व में 16 मिलियन डॉलर की बढ़ोतरी हुई और ये 4.789 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया।

कच्चे तेल में गिरावट का पॉजिटिव असर

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कच्चे तेल (क्रूड ऑयल) की कीमतों में भारी गिरावट के चलते विदेशी मु्द्रा भंडार पर पॉजिटिव असर देखने को मिला है। कच्चा तेल 80 डॉलर प्रति बैरल के नीचे पहुंच गया है। ऐसे में भारत की सरकारी तेल कंपनियों को कच्चा तेल खरीदने के लिए पहले की तुलना में कम डॉलर खर्च करने होंगे।

रुपए में कमजोरी अब भी चिंता की बात

हालांकि, डॉलर के मुकाबले रुपए की कमजोरी अब भी चिंता का सबब बनी हुई है। एक डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये की कीमत 83.34 के स्तर तक पहुंच गई है। अगर डॉलर की तुलना में रुपया इसी तरह कमजोर होता गया तो इसे मजबूती देने के लिए रिजर्व बैंक को डॉलर बेचने पड़ सकते हैं, ताकि इसकी गिरावट को थामा जा सके। हालांकि, इसका असर भारत के विदेशी मुद्रा भंडार पर पड़ता है।

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