सार

New Rules : 1 अप्रैल से लोन के नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है। इसका फायदा घर खरीदने वालों, स्टूडेंट्स, हेल्थ सेक्टर, महिलाओं, किसानों और छोटे बिजनेसमैन को मिलेगा। नए नियम में PSL के तहत लोन की लिमिट भी बढ़ा दी गई है।

Loan New Rules From 1 April : 1 अप्रैल से देश में कई नियम बदलने वाले हैं। इनमें लोन से जुड़ा एक नियम भी शामिल है। देश की सबसे बड़ी सरकारी बैंक SBI की रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार, RBI नए फाइनेंशियल ईयर से प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग (PSL) के नए नियम लागू करने जा रही है। इस बदलाव का सबसे बड़ा फायदा घर खरीदने वालों, स्टूडेंट्स, छोटे बिजनेस करने वाले, किसानों और महिलाओं को होगा। प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग (PSL) क्या है प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग (PSL) एक ऐसी पॉलिसी है, जिसमें बैंक के लिए उन वर्गों को लोन देना जरूरी होता है, जो अक्सर बैंकिंग सुविधा से दूर रहते हैं, जैसे- गरीब महिलाएं, किसान, छोटे व्यापारी, गांव के लोग और अब रिन्युएबल एनर्जी सेक्टर से जुड़े लोग। नए नियम से इन सभी के लिए लोन लेना आसान हो जाएगा।

लोन के नए नियम का फायदा

घर खरीदने वालों को घर खरीदने वालों को इससे बड़ी राहत मिल जाएगी। मेट्रो सिटी में 50 लाख रुपए तक का होम लोन PSL के तहत आएगा, जिसकी लिमिट पहले 35 लाख रुपए थी। छोटे शहरों के लिए भी लोन लिमिट बढ़ा दी गई है, जिससे अफोर्डेबल हाउसिंग यानी सस्ते घर खरीदने को बढ़ावा मिलेगा। रिजर्व बैंक ने शहरों की आबादी के आधार पर तीन कैटेगरी बनाई हैं, जिससे ग्रामीण और छोटे शहरों में भी लोन की पहुंच बढ़ सके।

स्टूडेंट्स और हेल्थ सेक्ट के लिए फायदे 

प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग के नए नियम से एजुकेशन और हेल्थ सेक्टर में भी बड़ा फायदा मिलेगा। एजुकेशन लोन की लिमिट बढ़ाकर 25 लाख रुपए कर दी गई है। हेल्थ सेक्टर्स के लिए लोन की सीमा अब 12 करोड़ रुपए तक हो गई है।

महिलाओं और किसानों को मिलेगा ज्यादा लोन 

PSL के तहत महिलाओं को 2 लाख तक रुपए तक का लोन आसानी से मिल जाएगा, जो पहले सिर्फ 1 लाख रुपए तक था। इसके लिए किसी तरह की शर्त नहीं होगी। वहीं, किसानों के लिए ज्यादा कर्ज लिमिट आरबीआई ने तय की है। अब गोदाम रसीद पर लोन की सीमा बढ़ाकर 90 लाख रुफए तक कर दी है। किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) को अब 10 करोड़ रुपए तक का कर्ज मिलेगा।

सोलर और ग्रीन एनर्जी पर फोकस 

आरबीआई के नए नियम के तहत रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स को मिलने वाले लोन की सीमा 35 करोड़ रुपए कर दी है। सरकार का लक्ष्य है कि साल 2030 तक 500 GW नॉन-फॉसिल फ्यूल कैपिसिटी हासिल जाए और इस सेक्टर को बढ़ावा दिया जाए।