सार
एचडीएफसी के पूर्व चेयरमैन दीपक पारेख ने हाल ही में ग्रुप से इस्तीफा दिया है। अब उनकी नौकरी से जुड़ा एक ऑफर लेटर वायरल हो रहा है। इसमें दीपक पारेख की सैलरी देख कोई भी यकीन नहीं कर पा रहा है।
HDFC Ex Chairman Deepak Parekh Offer Letter: 1 जुलाई से एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) का मर्जर हो चुका है। इससे एक रोज पहले एचडीएफसी ग्रुप के चेयरमैन दीपक पारेख ने इस्तीफा दिया था। इस्तीफे के 6 दिन बाद दीपक पारेख (Deepak Parekh) का ऑफर लेटर सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है। दावा किया जा रहा है कि ये ऑफर लेटर 45 साल पहले उस वक्त का है, जब दीपक पारेख ने कंपनी ज्वॉइन की थी।
ऑफर लेटर में पहली सैलरी का जिक्र
बता दें कि दीपक पारेख का ये ऑफर लेटर एक यूजर ने ट्विटर पर शेयर किया है, जो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। इस लेटर को लेकर दावा किया जा रहा है कि ये तब का है, जब दीपक पारेख ने पहली बार HDFC में नौकरी ज्वॉइन की थी। इस ऑफर लेटर में उनकी पहली सैलरी का भी जिक्र है।
45 साल पहले 3500 रुपए थी दीपक पारेख की सैलरी
वायरल हो रहे ऑफर लेटर के मुताबिक, 45 साल पहले यानी 1978 में HDFC में ज्वॉइनिंग के समय दीपक पारेख की बेसिक सैलरी 3500 रुपए थी। इसके अलावा 500 रुपए अतिरिक्त महंगाई भत्ता भी था। उनकी सैलरी में 15% हाउस रेंट अलाउंस (HRA) भा शामिल किया गया था। इसके अलावा दीपक पारेख को PF, ग्रैच्युटी, मेडिकल और लीव ट्रैवल अलाउंस के साथ टेलिफोन बिल रिम्बर्समेंट भी ऑफर किया गया था।
दीपक पारेख को मिली थी डिप्टी जनरल मैनेजर की पोस्ट
45 साल पुराने इस ऑफर लेटर के मुताबिक, दीपक पारेख की ज्वॉइनिंग 19 जुलाई, 1978 को हुई थी। उस वक्त एचडीएफसी के जनरल मैनेजर टीएन नागेन्द्र थे, जिनके साइन इस ऑफर लेटर में हैं। बता दें कि इस ऑफर लेटर को सोशल मीडिया पर लोग खूब शेयर कर रहे हैं। एक शख्स ने कमेंट करते हुए कहा- उस वक्त के हिसाब से बहुत अच्छी सैलरी है। एक और यूजर ने कहा- आज के दौर से तुलना करें तो ये करीब 13.75 लाख बैठती है। कई लोगों को आज भी इतना पैकेज नहीं मिल रहा है।
लोग खूब कर रहे शेयर
सोशल मीडिया पर वायरल इस ऑफर लेटर को लोग जमकर शेयर कर रहे हैं। ट्विटर पर इस ऑफर लेटर को अब तक करीब आठ हजार लोग देख चुके हैं। इसे 80 से ज्यादा लोगों ने लाइक किया है। लोग इसपर खूब कमेंट भी कर रहे हैं। बता दें कि हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन और एचडीएफसी बैंक के बीच मेगा-मर्जर के साथ दीपक पारेख ने एक भावनात्मक पत्र में अपने रिटायरमेंट की घोषणा की थी। उन्होंने लिखा था कि अब अपने पद से इस्तीफा देने का समय आ गया है। एक जुलाई को यह विलय हुआ था। इससे एचडीएफसी दुनिया का चौथा सबसे बड़ा बैंक बन गया है।
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