सार

देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक HDFC और फाइनेंस कंपनी HDFC का मर्जर होने जा रहा है। ये विलय 1 जुलाई से इफेक्टिव हो जाएगा। आइए जानते हैं इस मर्जर के बाद बैंक के ग्राहकों, होम लोन कस्टमर्स और शेयरहोल्डर्स पर क्या असर पड़ेगा। 

HDFC Merger Effect: देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक HDFC और फाइनेंस कंपनी HDFC का मर्जर होने जा रहा है। ये विलय 1 जुलाई से इफेक्टिव हो जाएगा। हाउसिंग फाइनेंस कंपनी HDFC और HDFC बैंक के मर्जर के बाद कई चीजें बदल जाएंगी। एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारेख के मुताबिक, 30 जून को HDFC Ltd और HDFC बैंक के बोर्ड की बैठक होगी। इसके बाद 1 जुलाई से दोनों कंपनियां एक हो जाएंगी। इस मर्जर के बाद HDFC बैंक के अकाउंट होल्डर्स और लोन लेने वाले ग्राहकों पर क्या असर पड़ेगा। आइए जानते हैं।

1- पहले के मुकाबले ज्यादा लोन दे पाएगा HDFC बैंक

HDFC-HDFC Bank के मर्जर के बाद एचडीएफसी बैंक की सभी ब्रांच में एचडीएफसी लिमिटेड की सर्विस मिलती रहेगी। आपको एक ही ब्रांच में लोन से लेकर बैंकिंग सर्विसेस मिलेंगी। बैंक की हर ब्रांच से होम लोन जारी किया जा सकेगा। इस मर्जर के बाद बैंक की पूंजी पहले की तुलना में काफी बढ़ जाएगी। इसका फायदा ये होगा कि HDFC बैंक से पहले के मुकाबले ज्यादा लोगों को लोन मिल सकेगा। जोखिम वाले लोन भी दे पाएगा।

2- HDFC Bank में है FD तो हो सकता है फायदा

HDFC बैंक में जिनकी FD है, उनकी ब्याज दरों में बदलाव हो सकता है। दरअसल HDFC और एचडीएफसी बैंक की ब्याज दरों में डिफरेंस है। HDFC बैंक में एफडी की ब्याज दरें HDFC की तुलना में कम हैं। एचडीएफसी 12 से 120 महीनों की एफडी पर 6.56% से लेकर 7.21% तक ब्याज देता है। जबकि HDFC बैंक 7 दिन से लेकर 10 साल की एफडी पर 3 से लेकर 7.25% ब्याज दे रहा है। ​ऐसे में जिन लोगों ने रिन्यूअल का ऑप्शन चुना है, मर्जर के बाद उनकी ब्याज दरों में बदलाव हो जाएगा।

3- मर्जर के बाद HDFC के ग्राहकों को इंश्योरेंस का लाभ

इस मर्जर के बाद एचडीएफसी के ग्राहकों को उनके जमा पर इंश्योरेंस का फायदा भी मिलेगा। RBI के नियम के मुताबिक बैंक जमाधारकों के जमा पर 5 लाख रुपए तक का डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन के माध्यम से इंश्योरेंस कवर देता है।

​4- होम लोन के ग्राहकों को भी होगा फायदा

HDFC बैंक और HDFC फाइनेंस के मर्जर का असर एचडीएफसी फाइनेंस के होम लोन ग्राहकों पर भी पड़ेगा। RBI की गाइडलाइन के मुताबिक, 2019 के बाद सारे लोन एक्सटर्नल बेंच मार्क लेडिंग रेट (EBLR) के आधार पर तय होते हैं। यानी मर्जर के बाद अगले 6 महीने में HDFC लोन की ब्याज दरें एक्सटर्नल बेंच मार्क लेडिंग रेट के आधार पर तय होंगी। ऐसे में ग्राहकों को RBI की ओर से रेपो रेट में की जाने वाली कटौती का फायदा भी मिलेगा। बता दें कि एक्सटर्नल बेंच मार्क लेडिंग रेट (EBLR) को रिजर्व बैंक तय करता है। ऐसे में EBLR पर आधारित ब्याज दरें ज्यादा ट्रांसपेरेंट होती हैं।

5- HDFC मर्जर का शेयरधारकों पर क्या होगा असर?

HDFC मर्जर के बाद शेयर मार्केट में HDFC हाउसिंग फाइनेंस की ट्रेडिंग 13 जुलाई से खत्म हो जाएगी। HDFC लिमिटेड के शेयरधारकों को हर 25 शेयर के बदले HDFC बैंक के 42 शेयर दिए जाएंगे। यानी इस विलय का फायदा कहीं न कहीं शेयरहोल्डर्स को भी होगा।

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