कैश लेनदेन पर है आयकर विभाग की नजर, 5 जगह ज्यादा ट्रांजैक्शन से बचें, वरना...
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1. सेविंग अकाउंट्स में जमा
अगर 1 फाइनेंशियल ईयर में किसी सेविंग्स अकाउंट में कैश डिपॉजिट 10 लाख से ज्यादा होता है तो अकाउंट होल्डर की मुसीबत बढ़ सकती है। सरकार ने लिमिट तय की है कि 1 अप्रैल से 31 मार्च तक बचत खाते में 10 लाख से ज्यादा कैश नहीं जमा कर सकते हैं। इससे ज्यादा रकम होने पर बैंक CBDT को सूचना दे देता है।
2. कैश से FD का नियम
बचत खाते की तरह FD पर भी 10 लाख तक की लिमिट है। किसी फाइनेंशियल ईयर में आप इससे ज्यादा का निवेश में नहीं कर सकते हैं। ऐसा करने पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट नोटिस दे सकता है। अलग-अलग अकाउंट में छोटे-छोटे अमाउंट जमा करने पर भी यह 10 साल से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
3. कैश में क्रेडिट बिल का पेमेंट
इसका कोई नियम तय नहीं है लेकिन अगर आप क्रेडिट कार्ड का कितना बिल कैश से जमा किया जा सकता है लेकिन अगर एक महीने में आप 1 लाख रुपए से ज्यादा का बिल पेमेंट कैश में करते हैं तो आप पर आयकर विभाग की नजर पड़ सकती है।
4. प्रॉपर्टी से जुड़े कैश पेमेंट
किसी प्रॉपर्टी को खरीदते समय अगर आप सारा पैसा कैश में ही देते हैं तो आयकर विभाग आपको नोटिस भेज सकता है। नियम के अनुसार, शहर में 50 लाख और गांव में 20 लाख से ज्यादा की प्रॉपर्टी लेने पर आयकर विभाग को जानकारी देनी होती है। हालांकि, इस मामले में अगल-अलग राज्यों में नियम भी अलग-अलग हैं।
5. स्टॉक या म्यूचुअल फंड में कैश का इस्तेमाल
अगर कोई स्टॉक या म्यूचुअल फंड या फिर किसी बॉन्ड में कैश से निवेश करता है तो यह अमाउंट 10 लाख से ज्यादा नहीं होना चाहिए। अगर इससे ज्यादा है तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को बताना होगा, वरना आप समस्या में पड़ सकते हैं।
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