सार

अजय लखोटिया ने 2008 की मंदी में शेयर बाजार में 80 लाख रुपए गंवा दिए थे, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और एशिया के पहले सोशल इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म StockGro की नींव रखी जो आज 200 मिलियन डॉलर से ज़्यादा की कंपनी बन चुकी है।

बिजनेस डेस्क। शेयर बाजार से पैसे कमाना हर किसी का सपना होता है। हालांकि, कई बार बिना सोचे-समझे निवेश लोगों को बड़ा नुकसान भी करा देता है। ऐसा ही कुछ हुआ अजय लखोटिया के साथ, जिन्होंने 2008 की महामंदी के दौरान शेयर बाजार में 80 लाख रुपए डुबो दिए। दरअसल, ज्यादा से ज्यादा रिटर्न पाने के लालच में लखोटिया ग्लोबल रिसेशन और मार्केट का मूड नहीं भांप सके और भारी नुकसान करा बैठे। हालांकि, बाद में उन्होंने एशिया के पहले सोशल इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म StockGro की नींव रखी, जो आज के समय में 200 मिलियन डॉलर से भी ज्यादा की कंपनी बन चुकी है।

कौन हैं अजय लखोटिया?

अजय लखोटिया सोशल इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म StockGro के फाउंडर और CEO हैं। उन्होंने जनवरी, 2020 में इसकी नींव रखी, जिसका हेडऑफिस बेंगलुरू में है। StockGro की लिंक्डइन प्रोफाइल के मुताबिक, फिलहाल इस कंपनी में 200 कर्मचारी काम कर रहे हैं। लखोटिया के मुताबिक, 2008 में जब शेयर बाजार क्रैश हुआ तो इस दौरान उनके 80 लाख रुपए डूब गए। 2008 से पहले शेयर बाजार काफी तेजी से बढ़ रहा था। यहां तक कि बैंकों की एफडी पर भी 7 से 8 प्रतिशत तक ब्याज मिल रहा था। ऐसे में हर कोई बस आंख मूंदकर पैसे लगा रहा था।

शेयर बाजार में हुए भारी नुकसा ने जलाई दिमाग की बत्ती

एक इंटरव्यू में लखोटिया ने खुद बताया कि मैं और मेरे दोस्त एक-दूसरे से कॉम्पिटीशन करते थे कि आज किसने मार्केट से ज्यादा पैसा कमाया। इसी बीच, 2008 में जब बाजार क्रैश हुआ तो समझ आया कि हमें बाजार की कोई जानकारी नहीं थी। हम ये भी नहीं जानते थे कि शेयर मार्केट एनालिस्ट कैसे किसी कंपनी या शेयर की परफॉर्में को आंकते हैं। आखिर वो कौन-सा फॉर्मूला होता है, जिसके आधार पर स्टॉक टिप्स दी जाती हैं। इसके बाद मैंने तय किया कि बाजार की बारीकियों को सीख कर इससे अपने नुकसान की भरपाई करने के साथ ही पैसा बनाऊंगा।

लखोटिया को कैसे आया इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म का आइडिया?

अजय लखोटिया को लगा कि भारत में हर कोई शेयर बाजार में निवेश कर पैसा कमाना चाहता है, लेकिन लोगों को मार्केट की बारीकियों के बारे में पता नहीं है। उन्हें अभी ये नहीं पता कि किसी शेयर को कब और क्यों खरीदना है और किस वक्त बेच देना है। मतलब किसी भी स्टॉक को खरीदने के पीछे क्या-क्या टेक्निकल कारण हो सकते हैं, लोगों को इसकी बिल्कुल भी समझ नहीं थी। ऐसे में मैंने फैसला किया और Stockgro नाम से सोशल इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म बनाया।

200 मिलियन डॉलर से ज्यादा की कंपनी है Stockgro

रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिर्फ 4 साल में ही Stockgro करीब 200 मिलियन डॉलर यानी 1600 करोड़ से ज्यादा की कंपनी बन चुकी है। इन्वेस्टमेंट टिप्स देते हुए इसके सीईओ अजय लखोटिया कहते हैं- हमारे यहां ज्यादातर लोग अपने पैसे का मैनेजमेंट ऑटोपायलट मोड पर रखते हैं। वो अपनी कमाई का एक निश्चित हिस्सा FD या जीवन बीमा इंश्योरेंस में लगाते हैं और बाकी खर्च कर देते हैं। जबकि अगर कोई शख्स 20 साल काम करता है तो उसके बाद उसे उसके बचाए और निवेश किए गए पैसे से हर साल इतना रिटर्न मिलना चाहिए कि बड़े आराम से उसकी जिंदगी कट सके।

बचत का कितना हिस्सा और कहां करें निवेश?

अजय लखोटिया के मुताबिक, आपको अपनी कुल कमाई का 50 प्रतिशत हिस्सा खर्च करने के बाद 20 प्रतिशत एफडी में और बाकी का 30 प्रतिशत शेयर और म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहिए। उनका मानना है कि किसी भी व्यक्ति को ऐसे सेक्टर्स में निवेश करना चाहिए, जिनकी मांग भविष्य में भी बनी रहेगी। उदाहरण के लिए खाने-पीने की चीजें, दवाइयां, लॉजिस्टिक्स वगैरह ऐसे सेक्टर हैं, जो भविष्य में और बढ़ने हैं। इसी तरह, इकोनॉमी बढ़ने के साथ ही बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर का बढ़ना भी तय है। लॉन्गटाइम इन्वेस्टमेंट के लिए अच्छे डिविडेंड वाले स्टॉक चुनें।

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