सार

रतन टाटा के निधन के बाद, उनके सौतेले भाई नोएल टाटा को टाटा ट्रस्ट का प्रमुख नियुक्त किया गया है। नोएल टाटा पहले से ही ग्रुप की कई कंपनियों में महत्वपूर्ण पदों पर हैं और टाटा ट्रस्ट के ट्रस्टी भी हैं।

Tata Trust New Chairman: Ratan Tata के इस दुनिया से जाने के बाद अब उनके सौतेले भाई नोएल टाटा को 'टाटा ट्रस्ट' की कमान सौंपी गई है। शुक्रवार को मुंबई में हुई एक मीटिंग के दौरान उनके नाम पर सामूहिक सहमति बनी, जिसके बाद नोएल को Tata Trust का नया चेयरमैन नियुक्त किया गया। बता दें कि नोएल टाटा पहले से ही सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट के ट्रस्टी हैं।

आखिर नोएल TATA को ही क्यों सौंपी गई ट्रस्ट की कमान

67 साल के नोएल टाटा ने UK की ससेक्स यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है। नोएल को उनकी स्ट्रैटेजिक स्किल और ग्रुप के विजन को लेकर स्ट्रांग कमिटमेंट के लिए जाना जाता है। नोएल टाटा अपने पारिवारिक संबंधों और टाटा समूह की कई कंपनियों में अहम भागीदारी निभाने की वजह से टाटा की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए सबसे मजबूत दावेदार के रूप में उभरे। यही वजह है कि उन्हें सर रतन टाटा ट्रस्ट के 6वें चेयरमैन, जबकि सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट के 11वें चेयरमैन के तौर पर नियुक्त किया गया है।

Tata Group की Trent और Voltas के चेयरमैन हैं Noel Tata

रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा फिलहाल ग्रुप की कंपनियों ट्रेंट, वोल्टास, टाटा इन्वेस्टमेंट और टाटा इंटरनेशनल के चेयरमैन हैं। इसके अलावा वो TATA Steel और Titan के वाइस चेयरमैन भी हैं। बता दें कि नोएल टाटा नवल और सिमोन टाटा के बेटे हैं।

मौत से पहले रतन टाटा ने नहीं बताया किसी उत्तराधिकारी का नाम

रतन टाटा के निधन के बाद भारत में सबसे बड़ी सार्वजनिक धर्मार्थ संस्था के रूप में, टाटा ट्रस्ट के बोर्ड को मौजूदा ट्रस्टियों में से एक नया चेयरमैन नियुक्त करने जरूरी था। ऐसे में नोएल टाटा को रतन टाटा के उत्तराधिकारी के रूप में निर्विरोध रूप से चुना गया। बता दें कि रतन टाटा ने अपनी मृत्यु से पहले किसी उत्तराधिकारी का नाम नहीं बताया था।

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