सार

मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीड लिमिटेड का पिछले तीन दशकों में यह पहला राइट इश्यू है। इसमें 53,125 करोड़ रुपए के लिए निवेशकों को 15 शेयर पर एक शेयर राइट इश्यू के तहत मिलेगा। इस राइट इश्यू में शेयर खरीदने के लिए फिलहाल सिर्फ 25 प्रतिशत का भुगतान करना होगा।
 

बिजनेस डेस्क। मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीड लिमिटेड का पिछले तीन दशकों में यह पहला राइट इश्यू है। इसमें 53,125 करोड़ रुपए के लिए निवेशकों को 15 शेयर पर एक शेयर राइट इश्यू के तहत मिलेगा। इस राइट इश्यू में शेयर खरीदने के लिए फिलहाल सिर्फ 25 प्रतिशत का भुगतान करना होगा। बता दें कि यह अब तक का सबसे बड़ा राइट इश्यू है। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कहा है कि 25 फीसदी रकम चुका कर शेयर खरीदने के बाद बाकी राशि का भुगतान अगले साल मई और नवंबर में दो किस्तों में देना होगा। 

50 फीसदी का भुगतान नवंबर 2021 में
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कहा कि 1,257 रुपए प्रति शेयर के भाव से शेयर की खरीद के वक्त सिर्फ 25 फीसदी राशि का भुगतान करना होगा। इसके बाद इतनी ही राशि का भुगतान मई 2021 में करना होगा। बाकी 50 फीसदी राशि का भुगतान नवंबर 2021 में करना होगा। 

निदेशक मंडल की समिति ने किया फैसला
यह फैसला रिलायंस की निदेशक मंडल की राइट इश्यू की समिति की 17 मई, 2020 को हुई बैठक में लिया गया। फैसले के तहत प्रति इक्विटी शेयर 314.25 रुपए या 25 फीसदी का भुगतान मई 2021 में और 628.50 रुपए या 50 फीसदी का भुगतान नवंबर 2021 में करना होगा।

तीन दशकों में पहला राइट इश्यू
आरआईएल बोर्ड ने पिछले महीने 53,125 करोड़ के राइट्स इश्यू लाने की मंजूरी दी थी। कंपनी का तीन दशकों में यह पहला राइट इश्यू है, जिसके लिए उसे बीएसई और एनएसई से अनुमति मिल गई है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि उसे  42,26,26,894 शेयरों का प्रस्तावित राइट्स इश्यू लाने के लिए बीएसई और एनएसई से अनुमति मिल चुकी है। 15 शेयरों पर एक शेयर राइट इश्यू के तहत दिया जाएगा। राइट्स इश्यू के जरिए शेयरधारकों को 1257 रुपए पर शेयर बेचा जाएगा।

क्या होती है इसकी प्रॉसेस
राइट इश्यू के लिए सक्षम शेयरधारकों का निर्धारण करने के लिए कंपनी पहले रिकॉर्ड डेट तय करती है। आरआईएल के राइट्स इश्यू के लिए यह 14 मई 2020 है। इसका मतलब है कि 14 मई को जिस निवेशक के पास आरआईएल का शेयर होगा, वह इस राइट्स इश्यू के लिए योग्य माना जाएगा। अगर इसके पहले किसी ने शेयर बेच दिए हों तो उसे राइट्स इश्यू में हिस्सा लेने का मौका नहीं मिलेगा। 

1991 में भी जुटाया था फंड
मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज ने इससे पहले 1991 में पब्लिक से फंड जुटाया था। उस समय कन्वर्टेबल डिबेंचर जारी किए गए थे, जो 55 रुपए प्रति पर इक्विटी शेयर में कन्वर्ट हुए थे। मुकेश अंबानी ने पिछले साल अगस्त में 2021 तक कंपनी के कर्ज मुक्त करने की बात कही थी। मार्च तिमाही के अंत तक आरआईएल पर 3,36,294 करोड़ कर्ज और कैश इन हैंड 1,75,259 करोड़ था। इस तरह कंपनी का नेट कर्ज 1,61,035 करोड़ रुपए है।