सार

मुकेश अंबानी (Reliance Industries Chairman Mukesh Ambani) ने बुधवार को कहा कि भारत अगले 20 वर्षों में ग्रीन एनर्जी (Green Energy) के एक्‍सपोर्ट में 500 अरब डॉलर की बढ़ोतरी के साथ ग्‍लोबल ग्रीन एनर्जी सुपरपॉवर बन सकता है।

 

बिजनेस डेस्‍क। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी (Reliance Industries Chairman Mukesh Ambani) ने बुधवार को कहा कि भारत अगले 20 वर्षों में ग्रीन एनर्जी (Green Energy) के एक्‍सपोर्ट में 500 अरब डॉलर की बढ़ोतरी के साथ ग्‍लोबल ग्रीन एनर्जी सुपरपॉवर बन सकता है। एशिया इकोनॉमिक डायलॉग (Asia Economic Dialogue) में बोलते हुए अंबानी ने कहा, भारत के पास अगले दो से तीन दशकों में फॉजिल फ्यूल पर निर्भरता समाप्त करने की रणनीति बनानी होगी। भारत रिन्यूएबल एनर्जी इंवेस्‍टमेंट (Renewable Energy Investment) के लिए सबसे आकर्षक जगहों में से एक है, अंबानी ने कहा, उनका मानना है कि केंद्र सरकार ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए कमिटिड है और दुनिया में सबसे प्रोएक्‍ट‍िव देशों में से एक है।  अंबानी ने पिछले महीने ही जेनरेशन प्लांट्स, सोलर पैनल्स और इलेक्ट्रोलाइजर्स समेत रिन्यूएबल इंफ्रास्ट्रक्चर में 75 अरब डॉलर का निवेश करने की योजना की घोषणा की है।

सुपर पॉवर होगा देश
ओटूसी ग्रुप के प्रमुख ने कहा कि अगर पिछले 20 वर्षों में, हम एक आईटी महाशक्ति के रूप में भारत के उद्भव के लिए जाने जाते थे, तो अगले 20 वर्षों में, मेरा मानना है कि टेक्‍नोलॉजी के साथ, एनर्जी और लाइफ साइंस में एक महाशक्ति के रूप में हमारा उदय होगा।  सरकार ने हाल ही में एक ग्रीन हाइड्रोजन पॉलिसी का अनावरण किया है जिसके तहत वह 2030 तक प्रति वर्ष पांच मिलियन टन ग्रीन हाइड्रोजन का निर्माण करना चाहती है, जिसका लक्ष्य अपने क्‍लाइमेट टारगेट को पूरा करना और फ्यूल के लिए प्रोडक्‍शन और एक्‍सपोर्ट सेंटर बनना है।

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क्‍लीन एनर्जी में 75 बिलियन डॉलर का निवेश
हालांकि रिलायंस ने यह नहीं बताया है कि हाइड्रोजन पर कितना खर्च किया जाएगा, क्‍लीन एनर्जी में 75 बिलियन डॉलर का निवेश देश में अब तक का सबसे बड़ा निवेश है। अन्य कंपनियों जैसे अदानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड और राज्य द्वारा संचालित ऊर्जा फर्म एनटीपीसी लिमिटेड और इंडियन ऑयल कॉर्प ने भी ग्रीन एनर्जी के लिए योजनाएं घोषित की है।

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यूरोपीय के मुकाबले आधा है टारगेट
सरकार अलग-अलग मैन्‍युफैक्‍चरिंग सेक्‍टर स्थापित करेगी, 25 साल के लिए इंटर स्‍टेट इलेक्‍ट्रीसिटी ट्रांसमिशन चार्ज माफ करेगी और उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए ग्रीन हाइड्रोजन और अमोनिया प्रोड्यूसर्स को इलेक्ट्रिक ग्रिड को प्राथमिकता से कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। पांच मिलियन टन उत्पादन लक्ष्य यूरोपीय संघ का आधा है, जो 2030 तक अक्षय ऊर्जा से 10 मिलियन टन हाइड्रोजन का उत्पादन करने की योजना बना रहा है। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक और उपभोक्ता है और इसका बिजली क्षेत्र कोयले पर बहुत अधिक निर्भर है।

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पीएम मोदी का टारगेट
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 2070 तक भारत को नेट जीरो कार्बन बनाने का लक्ष्य रखा है। राष्ट्र ने 2030 तक 450 गीगावाट (GW) अक्षय ऊर्जा स्थापित करने की योजना बनाई है, जो वर्तमान में लगभग 105 GW है, और हाल ही में 2030 तक प्रति वर्ष 5 मिलियन टन ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन करने की योजना की घोषणा की है।