सार
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अब तक 10 राज्यों के किसानों को 1,008 करोड़ के दावों का भुगतान किया गया है
बिजनेस डेस्क: कोरोना वायरस के चलते देश में लॉकडाउन है। लेकिन इस दौरान भी मोदी सरकार ने किसानों को राहत देने का काम जारी रखा हुआ है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अब तक 10 राज्यों के किसानों को 1,008 करोड़ के दावों का भुगतान किया गया है।
सरकार इस कोशिश में भी है कि इस योजना से ज्यादा से ज्यादा किसान जुड़ें। वित्त वर्ष 2018-19 सिर्फ 507।987 लाख हेक्टेयर क्षेत्र का ही बीमा हुआ। सरकार ने बीमा कंपनियों के सामने कई तरह की शर्तें रख दी हैं ताकि किसानों का हित सुरक्षित रहे।
बता दें कि बीमा का अधिकांश प्रीमियम केंद्र व राज्य सरकारें मिलकर देती हैं। किसानों को खरीफ फसलों पर कुल प्रीमियम का 2 फीसदी, रबी फसलों पर 1।5 और बागवानी नकदी फसलों पर अधिकतम 5 फीसदी प्रीमियम देना होता है। ऐसे में सरकार की कोशिश है कि अधिक से अधिक लोग इस योजना का फायदा उठाएं।
सरकार ने लिए थे ये बदलाव
- सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) धारकों के लिए फसल बीमा योजना को स्वैच्छिक कर दिया गया। पहले बीमा कंपनियां उन किसानों के खाते से प्रीमियम का पैसा पहले ही काट लेती थीं, जिनके पास केसीसी होता था।
- अब किसान अपनी पसंद और जरुरत के मुताबिक बीमा ले सकते हैं। जैसे सूखा या बाढ़ के लिए अलग-अलग या फिर दोनों में में कोई एक भी।
- फसल नुकसान का आकलन अब सैटेलाइट द्वारा किया जाएगा। इसके जरिए स्मार्ट सैंपलिंग होगी। इससे किसानों को बीमा दावों का भुगतान पहले के मुकाबले जल्दी होगा।
- बीमा कंपनियां एक साल के बजाए कम से कम तीन साल के लिए टेंडर भर सकती हैं । यानी अब कम से कम तीन साल के लिए बीमा कार्य दिया जाएगा, जिससे किसानों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता एवं जवाबदेही पूरी होगी।
- बीमा राशि का भुगतान तय समय में न करने वाले राज्यों को योजना से बाहर किया जाएगा।
- सिंचित क्षेत्रों में केंद्रीय सब्सिडी 25 और गैर सिंचित क्षेत्र के लिए बीमा केंद्रीय सब्सिडी 30 फीसदी तक सीमित होगी।
(फाइल फोटो)