सार

शेयर बाजार निवेशकों की नजर ऐसे स्टॉक्स पर है, जिनकी कीमत कम है, लेकिन रिटर्न देने के मामले में सभी को पीछे छोड़ रहे हैं। ऐसी की कंपनी का नाम नितिन स्पिनर्स, जोकि धागे और कपड़ा मैन्युफेक्चरर है।

बिजनेस डेस्क। बीते करीब 18 महीनों में छोटी कंपनियों ने निवेशकों को ज्यादा रिटर्न दिया बजाए बड़ी कंपनियों के। जिन कंपनियों की शेयर की कीमत एक साल पहले सिंगल या डबल डिजिट में थी वो मौजूदा समय में ट्रिपल या फोर डिजिट में पहुंच चुकी हैं। आज हम ऐसी कंपनी के बारे में बारे में बात करने जा रहे हैं, जिसमें इस साल करीब तीन गुना और एक साल में करीब 6 गुना का रिटर्न दिया है। राजस्थान में करीब 30 साल पहले शुरू हुुई इस कंपनी का नाम नितिन स्पिनर्स है। जिसके एक सान निवेशकों का 50 हजार रुपए का निवेश करीब 3 लाख रुपए कर दिया है।

एक साल पहले क्या थी स्थिति
पहले बात एक साल पहले यानी 12 नवंबर 2020 की करें तो बांबे स्टॉक एक्सचेंज पर इस कंपनी का शेयर प्राइस मात्र 43.30 जो एक साल के बाद 12 नवंबर 2021 को 253 रुपए पर बंद हुआ है। इस दौरान कंपनी के शेयरों में करीब 6 गुना रिटर्न देखने को मिल चुका है। अगर इसे फीसदी में देखें तो कंपनी के शेयरों ने आम निवेशकों को करीब 500 फीसदी की कमाई कराई है। वहीं इस साल कंपनी के शेयरों में 250 फीसदी से ज्यादा तेजी देखने को मिली है।

50 हजार के बनाए करीब 3 लाख रुपए
बीते एक साल में कंपनी निवेशकों को कमाई कराने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। अगर किसी निवेशक ने एक साल पहले 43.30 रुपए के हिसाब से 50 हजार रुपए के शेयर खरीदे होते आज उनकी वैल्यू 253 रुपए के हिसाब से करीब 3 लाख रुपए हो गई होती। वहीं दूसरी ओर बात इस साल की करें तो किसी ने 71.15 रुपए हिसाब से 50 हजार रुपए का निवेश किया होता तो उनकी वैल्यू 1.80 रुपए हो गई होती।

क्या है कंपनी का कारोबार
कंपनी सूती और मिश्रित यार्न, ग्रे निटिड फैब्रिक और तैयार फिनिश्ड और प्रिंटिड बुने हुए कपड़े बनाती है। इसकी स्थापना 1992 में हुई थी और इसका मुख्यालय राजस्थान स्थित भीलवाड़ा में है। नितिन स्पिनर्स का पहला प्लांट भीलवाड़ा में और दूसरा राजस्थान के बेगुन में स्थित है। कच्चे माल के स्रोतों से निकटता और आधुनिक शिपिंग बंदरगाहों तक पहुंच के साथ प्लांट भारत के सभी प्रमुख शहरों से जुड़े हुए हैं। वित्त वर्ष 2022 की पहली छमाही के दौरान कंपनी ने अपने उत्पादन का 70 प्रतिशत से अधिक दुनिया भर के 50 से अधिक देशों को निर्यात किया।