सार

5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी चल रही है। कुछ ही दिनों के बाद 5जी सर्विस की शुरुआत भी हो जाएगी। इसके बहाल होते ही इंटरनेट 10 गुना ज्यादा फास्ट हो जाएगा। लेकिन आपको जानकारी दें कि एक ऐसा देश भी है जहां 7जी, 8जी के बराबर फास्ट इंटरनेट चलता है। 

बिजनेस डेस्कः भारत में 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी 26 जुलाई को शुरू हो चुकी है। इसमें 4.3 लाख करोड़ रुपये के 72 गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के लिए बोलियां लगाई जा रही हैं। स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया के अलावा गौतम अडानी की कंपनी अडानी इंटरप्राइजेज भी बोली लगा रही है। देश में अब जल्द ही 5जी सर्विस शुरू हो जाएगी। इसके बाद सबसे तेज गति वाला इंटरनेट लोग इस्तेमाल कर सकेंगे। यह अभी के 4जी इंटरनेट से 10 गुना ज्यादा फास्ट होगा। लेकिन आपको जानकारी दें कि दुनिया में एक ऐसा देश भी है, जो 7जी और 8जी जितना फास्ट इंटरनेट इस्तेमाल करता है। नॉर्वे उस देश का नाम है।

11GB प्रति सेकेंड इंटरनेट की रफ्तार
मौजूदा समय में 5जी नेटवर्क को सबसे एडवांस माना जा रहा है। यह सर्विस कई देशों में शुरू है। कई देश इसे लागू भी करने वाले हैं। भारत में अब जल्द ही 5जी आ जाएगा। ऐसे में यह भी एक सवाल है कि 6जी, 7जी आने और कितना समय लगेगा। जानकारी दें कि 7जी नेटवर्क की स्पीड प्रति सेकेंड 11GB की होगी। यह आम यूजर के इस्तेमाल से कहीं ज्यादा है। हां एक बात ये जरूर है कि 4जी और 5जी की तुलना में 6जी, 7जी ज्यादा महंगा होगा। लेकिन नॉर्वे इन सब से आगे हैं। वहां इंटरनेट की स्पीड 7जी और 8जी के बराबर है।

नॉर्वे का इंटरनेट सबसे ऊपर
 दुनिया में किसी भी देश में 7जी या 8जी की इंटरनेट स्पीड नहीं है। सिर्फ नॉर्वे में लोग इतने स्पीड का इंटरनेट इस्तेमाल करते हैं। लेकिन यहां 5जी नेटवर्क प्रोवाइड किया जा रहा है। अभी कुछ देशों में 6जी पर काम शुरू हुआ है। उसके बाद ही 7जी या 8जी के बारे में सोचा जाएगा। लेकिन अभी भी कई साल इसमें लगनेवाले हैं। हाई स्पीड इंटरनेट से पुलिसिंग बेहतर हो सकती है। सुरक्षा के दृष्टिकोण से ये बेहद जरूरी हो जाएगा। उसके बाद 7जी नेटवर्क का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया जाने लगेगा। 7जी के फायदों में जो बातें शामिल हैं, उनमें खतरे का पता लगाना, अपराध नियंत्रण, दिमाग पढ़ना, स्वास्थ्य की निगरानी, आपदा तैयारियां, गैस और टॉक्सिक पदार्थों की निगरानी और IoT डिवाइस प्रबंधन जैसे मुद्दे शामिल हैं। जो कि 7जी इंटरनेट से संभव है। फास्ट इंटरनेट में ही ये सारी सुविधाएं मिल सकेंगी। 

नासा के इंटरनेट की स्पीड सामान्य से 13000 गुना ज्यादा
हम और आप जितना फास्ट इंटरनेट चलाते हैं, उससे 13000 गुना ज्यादा फास्ट इंटरनेट नासा के पास है। उसकी स्पीड 91GBPS है। तो क्या हम यह कह सकते हैं कि वहां 10G या 11G चल रहा है। टेक्निकली यह गलत है। जैसा कि हमने नॉर्वे के बारे में बताया कि वहां लोग 7G-8G के बराबर फास्ट इंटरनेट चला रहे हैं। बहरहाल, नासा खुद का इंटरनेट प्रोड्यूस करता है, इसलिए वहां की स्पीड काफी ज्यादा है। ना कि वहां 10G सर्विस प्रोवाइड किया जा रहा है। चलिए आपको बताते हैं, Ookla एक संस्था है, जो पूरी दुनिया में फास्टेंस्ट इंटरनेट का सर्वे करती है। उसके मुताबिक नॉर्वे में सबसे पहले और सबसे फास्ट इंटरनेट है। संस्था के मुताबिक वहां के लोगों के लिए सर्विस प्रोवाइडर खास इंटरनेट प्रोड्यूस करते हैं। इसलिए वहां की स्पीड काफी अधिक है। लेकिन वहां अभी भी 5G सर्विस ही है। 

7जी से देश को होंगे कई फायदे
7जी की फायदों को देखते हुए कई देश फास्ट इंटरनेट को बहाल करने के लिए रिसर्च करने में लगा है। उसी तरीके से मोबाइल फोन को भी बनाया जाएगा। हालिया वक्त में 5जी फोन को मोबाइल कंपनियां मार्केट में उतार रही है। लेकिन अभी 7जी या 8जी पर काम शुरू नहीं हुआ है, बस रिसर्च ही हो रह है। 7जी का फायदा लोग कब ले सकेंगे इसके बारे में पुख्ता कोई भी जानकारी नहीं दे सकता है। अभी सारी बातें अनुमान में है। पहले 5जी बहाल होगा। फिर 6जी पर बातें होंगी। उसके बाद ही 7जी के बारे में सोचा जाएगा। 

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