सार

मोदी सरकार देश में महिलाओं और बच्चियों की बेहतरी के लिए बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना की शुरुआत की है मोदी सरकार का लक्ष्य है की देश में बेटियों को अच्छी शिक्षा और भविष्य मिले इसके तहत तहत मोदी सरकार ने सुकन्या समृद्धि योजना की शुरूआत की है


बिजनेस डेस्क: मोदी सरकार देश में महिलाओं और बच्चियों की बेहतरी के लिए बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना की शुरुआत की है। मोदी सरकार का लक्ष्य है की देश में बेटियों को अच्छी शिक्षा और भविष्य मिले इसके तहत तहत मोदी सरकार ने सुकन्या समृद्धि योजना की शुरूआत की है। 

इस योजना के तहत आप अपनी 10 साल और उससे कम उम्र की बिटिया का खाता खोल सकते हैं। इस खाते का लाभ आपको उसकी उच्च शिक्षा या शादी के समय मिलेगा। इस योजना के तहत मौजूदा समय में 7।6 फीसदी का ब्याज मिल रहा है। सबसे बड़ी बात ये है की इस योजना के निवेश और रिटर्न दोनों को ही टैक्स-फ्री रखा गया है।

जानिए कैसे खोल सकते हैं खाता

सुकन्या समृद्धि योजना में सिर्फ 250 रुपये देकर खाता खुलवाया जा सकता है। इस योजना के तहत खाता खोलने के लिए आपको पोस्ट ऑफिस या स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की नजदीकी शाखा में जाना होगा। इस योजना के तहत सालाना कम से कम 250 रुपये और अधिकतम 1।50 लाख रुपये जमा किए जा सकते हैं। 

खाता खोलने के लिए आपको अपनी बेटी का बर्थ सर्टिफिकेट भी जमा कराना होगा। इसके अलावा आपको बेटी और अपना पहचान और पते के प्रमाण-पत्र की भी फोटो कॉपी भी जमा करानी होगी।

जानिए जरूरी नियम

  • आप अपनी 10 साल या उससे कम उम्र की बेटी के नाम ही इस खाते को खुलवा सकते हैं। 
  • अगर बेटी की उम्र 18 साल हो जाए तो आप इस प्लान में निवेश की गई कुल रकम में से 50 फीसदी की निकासी कर सकते हैं। 
  • इस योजना के तहत 21 साल पूरे होने पर ही पूरी राशि ब्याज सहित मुहैया करवाई जाती है।
  • यह खता अधिकतम दो बच्चियों का ही खाता खुलवाया जा सकता है पर जुड़वां बच्चियों के मामले में यह तीन बच्चियों तक के लिए खुलवाया जा सकता है। 
  • अगर बेटी को कोई जानलेवा बीमारी है और आपको उसके लिए पैसों की जरूरत है तो इस खाते से पैसे निकाले जा सकते हैं। 
  • वहीं अगर बच्ची की मौत हो जाती है तो भी इस खाते को डेथ सर्टिफिकेट जमा कराने के बाद बंद करा सकते हैं। अभिभावकों को जमा राशि ब्याज के साथ दे दी जाती है।

पहले इतना था ब्याज

आपको बता दें कि इस योजना की शुरूआत में इसका रिटर्न प्रतिशत 2014 में 9।1 प्रतिशत था। यह प्रतिशत 2019 में 8।5 फीसदी था। लेकिन अब यह 7।6 फीसदी कर दिया गया है। लेकिन आर्थिक जानकारों का कहना है कि अभी भी यह योजना काफी फायदेमंद है।

(प्रतीकात्मक फोटो)