सार
पीएम मोदी गुरुवार को विज्ञान भवन में उद्यमी भारत कार्यक्रम में शामिल हुए। इस कार्यक्रम में उन्होंने एमएसएमई की कई योजनाओं की शुरुआत की। इसके साथ ही पीएमईजीपी के लाभुकों को सहायता भी प्रदान किया।
नई दिल्लीः पीएम मोदी ने गुरुवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में 'उद्यमी भारत' कार्यक्रम (PM Modi In Udyami Bharat Programme Launch) में भाग लिया। पीएम मोदी इस कार्यक्रम में एमएसएमई के लिए कई नई योजनाओं की शुरुआत की। 'एमएसएमई के प्रदर्शन को बढ़ाने एवं तेज करने’ (आरएएमपी) और 'पहली बार के एमएसएमई एक्सपोर्टर के लिए कैपिसिटी बिल्डिंग’ (सीबीएफटीई) योजना (सीबीएफटीई) और 'प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम' (पीएमईजीपी) योजानाओं की नई विशेषताओं की शुरुआत भी की।
6000 करोड़ की योजना होगी शुरू
पीएम मोदी ने लगभग 6000 करोड़ रुपये के परिव्यय (Outlay) के साथ 'Rising and Accelerating MSME Performance' (RAMP) योजना की शुरुआत की। जानकारी दें कि इसका उद्देश्य मौजूदा एमएसएमई योजनाओं के प्रभाव में वृद्धि के साथ राज्यों में एमएसएमई की इंप्लिमेंटेशन कैपेबलिटी और कवरेज को बढ़ाना है। यह इनोवेशन को बढ़ावा देने, विचार को प्रोत्साहित करने, क्वालिटी स्टैंडर्ड को बढ़ाने, प्रैक्टिस में सुधार, बाजार पहुंच बढ़ाने, तकनीकी उपकरणों और उद्योग 4.0 को एमएसएमई को कंपीटीटर और आत्मनिर्भर बनाने के लिए नए व्यवसाय और आंत्रप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देकर आत्मनिर्भर भारत अभियान का सप्लीमेंट होगा।
पीएमईजीपी के लाभार्थियों को सहायता
पीएम मोदी ने 2022-23 के लिए पीएमईजीपी के 18 हजार लाभार्थियों को डिजिटल रूप से 550.08 करोड़ रुपए की सहायता ट्रांसफर की। इस कार्यक्रम में उन्होंने एमएसएमई आइडिया हैकथॉन 2022 के परिणामों की घोषणा भी की। इसके साथ ही राष्ट्रीय एमएसएमई पुरस्कार 2022 का भी वितरण किया। इसके साथ ही आत्मनिर्भर भारत (एसआरआई) फंड में 75 एमएसएमई को डिजिटल इक्विटी सर्टिफिकेट जारी कर सम्मानित किया।
MSME की चल रही हैं कई योजनाएं
जानकारी दें कि सरकार पहले भी MSME की कई योजनाओं के शुरू र चुकी है। MUDRA योजना, आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना और पारंपरिक उद्योगों के उत्थान के लिए फंड की योजना (SFURTI) जैसी कई पहल शुरू कर चुकी है। इन योजनाओं से कई लोगों को फायदा भी हुआ है।
पीएमईजीपी में अब मिलेगी कई सुविधाएं
'प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम' (PMEGP) की नई फीचर के लॉन्च से एमएसएमई को काफी फायदा होगा। इसके तहत मैन्यूफेक्चरिंग सेक्टर के लिए मैक्सिमम प्रोजेक्ट कॉस्ट में 50 लाख रुपये (25 लाख रुपये से) और सर्विस एरिया में 20 लाख रुपये (10 लाख रुपये से) की वृद्धि की जाएगी। वहीं नई योजना के तहत अब आकांक्षी जिलों और ट्रांसजेंडरों के आवेदकों को भी इसमें शामिल किया जाएगा। साथ ही आवेदकों और उद्यमियों को बैंकिंग, तकनीकी और मार्केटिंग एक्सपर्ट की नियुक्ति के माध्यम से सहायता प्रदान की जाएगी।
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