सार

पीएम नरेंद्र मोदी (Pm Narendra Modi) ने एक सेमीनार में बैंकों को सलाह देते हुए कहा क‍ि उन्‍हें अब अप्रूवर-एप्‍लीकेंट मॉडल (Approver-Applicant Model) को छोड़ पार्टनरशिप मॉडल को अपनाना होगा। इसके अलावा उन्‍होंने बैंकों कस्‍टमर्स के पास उनके दरवाजे पर जाने की सलाह भी दी।

बिजनेस डेस्‍क। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Pm Narendra Modi) ने बैंक‍िंग स‍िस्‍टम ( Banking System) और उनकी फाइनेंशि‍यल हेल्‍थ के अलावा और भी कई बातों का ज‍िक्र क‍िया। साथ ही उन्‍होंने बैंकों और उसके सिस्‍टम को कई तरह की सलाह भी दी, जिससे आम लोगों और बैंकों के बीच एक पार्टनरशि‍प बिल्‍ड हो। उन्‍होंने बैंकों देश की इकोनॉमी में योगदान देने में प्रो-एक्‍टि‍व अप्रोच लाने को कहा। आइए आपको भी बताते हैं क‍ि उन्‍होंने बैंकों को क‍िस क‍िस तरह की सलाह दी हैं।

कस्‍टमर्स घर जाकर दें कस्‍टमाइज सॉल्‍यूशन
पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में बैंकों को सलाह दी क‍ि अब बैंक कस्‍टमर्स का अपने ऑफ‍िस में बैठकर इंजजार ना करें। बल्‍क‍ि कस्‍टमर के दरवाजें तक जाएं। साथ ही उन्‍हें उनके घर पर रहकर की सभी सुविधाएं प्रोवाइड कराएं। उन्‍होंने बैंकों से ऐसे एमएसएमई को उनके पास जाकर कस्‍टमाइज सॉल्‍युशन देने की भी बात कही। ताक‍ि आम ग्राहकों का हौंसला बढ़ सके और बैंकों के प्रत‍ि उनका व‍िश्‍वास और गहरा हो जाए।

ड‍िफेंस कॉरिडर पर करें मदद
पीएम नरेंद्र मोदी ने केंद्र सरकार की ओर से तैयार क‍िए जा रहे तमिलनाडु और यूपी के बुंदेलखंड के ड‍िफेंस कॉर‍िडोर पर भी मदद करने की बात घुमाकर कही। उन्‍होंने बैंकों से सवाल क‍िया क‍ि क्‍या उन्‍होंने अपनी ब्रांचों से इन ड‍िफेंस कॉर‍िडोर लेकर बात की। क्‍या उन्‍होंने अपनी ब्रांचों से पूछा क‍ि यहां पर बिजनेस की क‍ितनी संभावनाएं हैं। इस कोर‍िडॉर से कि‍तनी एमएसएमई जुड़ने जा रही हैं। बैंक यहां पर क्‍या कर सकता है। बैंक ड‍िफेंस कॉर‍िडोर पर क‍िस तरह से मदद कर सकता है। यहां पर क‍िस तरह का सर्विस प्रोवाइड करा सकता है।

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पार्टनरश‍िप मॉडल को अपनाएं
वहीं दूसरी ओर नरेंद्र मोदी ने बैंकों को पार्टनरश‍िप मॉडल पर आने को कहा। उन्‍होंने कहा क‍ि बैंक अभी तक अप्रूवर हैं और सामने वाला एप्‍लीकेंट, आप दाता हैं और सामने वाला याचक। इस अप्रोच को पूरी तरह से छोड़ना होगा। अब आपको पार्टनरश‍िप मोड में आना होगा। बैंकों को अपने क्षेत्र के 10 ऐसे युवा उद्यम‍ियों को सिलेक्‍ट करना होगा और उनके कारोबार को बढ़ाने में मदद करनी होगी। ताक‍ि देश में तरक्‍की आ सके।

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र‍िपेमेंट करने वालों की करें ज्‍यादा मदद
वहीं उन्‍होंने बैंकों से ऐसे लोगों की और ज्‍यादा मदद करने को कहा जो लोन लेने के बाद समय पर आपकों पेमेंट चुका रहे हैं उनकी आगे आकर ज्‍यादा मदद करनी चाहिए। उन्‍होंने उदाहरण से समझाते हुए कहा क‍ि अगर कोई आपसे 5 करोड़ रुपए का लोन ले रहा है और समय पर चुका रहा है। तो बैंक खुद आगे आकर उसकी ज्‍यादा मदद करें। जब वो आपसे और ज्‍यादा लोन लेगा और बैंकों की कमाई कराने में मदद कर सकेगा।