सार
पीपीएफ यानि पब्लिक प्रोविडेंट फंड में छोटी सी राशि का निवेश भी बड़ा फंड बना सकता है। पीपीएफ खाता खोलना भी काफी आसान है और इसे ऑनलाइन भी खोला जा सकता है। यह छोटी सी बचत कुछ ही सालों में बड़े काम की चीज बन जाती है।
मुंबई. भारत का कोई भी नागरिक पीपीएफ यानि पब्लिक प्रोविडेंट फंड में निवेश कर सकता है। ग्राहक किसी भी बैंक के ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर पीपीएफ खाता खोल सकते हैं। पीपीएफ उन लोगों के लिए बेहतर निवेश का ऑप्शन है, जो ज्यादा समय के लिए निवेश करना चाहते हैं। वे छोटी सी राशि का नियमित निवेश करके बड़ा अमाउंट खड़ा कर सकते हैं। पीपीएफ में जोखिम बेहद कम होता है और रिटर्न की गारंटी होती है। इसलिए यह उन लोगों के लिए शानदार विकल्प है, जो मार्केट के रिस्क से घबराते हैं। यह लंबे समय का सबसे ज्यादा फायदे वाला निवेश है।
पीपीएफ खाता खोलने के लिए फॉर्म-ए
जिन्हें भी पीपीएफ खाता खोलना है, उन्हें फॉर्म-ए भरना होगा। इसे खाता खोलने वाले फॉर्म के रूप में जाना जाता है। पीपीएफ खाता खोलने के लिए केवाईसी दस्तावेज भी जमा करने होंगे। कोई भी कस्टमर पीपीएफ निवेश की मैच्योरिटी को बढ़ा सकता है। पीपीएफ खाते की परिपक्वता अवधि 15 वर्ष होती है और इसे परिपक्वता के बाद भी 5 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है। पीपीएफ खाते को 5-5 साल की अवधि के लिए एक बार या उससे अधिक बार बढ़ाया जा सकता है। पीपीएफ खाते की मेच्योरिटी बढ़ाने के लिए भी फार्म-ए भरना होगा।
कितना करना होगा निवेश
किसी भी वित्तीय वर्ष में न्यूनतम ₹500 और अधिकतम ₹1.5 लाख तक का निवेश करना आवश्यक है। यह योगदान महीने में केवल एक बार ही किया जा सकता है। उदाहरण के लिए यदि कोई व्यक्ति पीपीएफ में सालाना 50,000 रुपये का निवेश करता है, तो वह 15 साल में 13.56 लाख रुपये जमा कर सकता है। जिस पर वर्तमान ब्याज दर 7.1 प्रतिशत के हिसाब से ब्याज भी मिलेगा। पीपीएफ में सालाना अधिकतम 1.5 लाख रुपये डालने से 15 साल में 40.68 लाख रुपये का कोष बनाया जा सकता है। एक्सटेंशन का विकल्प चुनने से मैच्योरिटी राशि और बढ़ सकती है।
पीपीएफ लोन भी ले सकते हैं
कोई भी निवेशक अपने पीपीएफ खाते में जमा धनराशि के बदले लोन भी ले सकता है। यह सुविधा पीपीएफ खाता शुरू करने के तीसरे और छठे साल के बीच ही मिलती है, यह ध्यान रखना जरूरी है। लोन की राशि पीपीएफ कोष के 25 प्रतिशत तक ही ली जा सकती है। लोन पर लगने वाला ब्याज पीपीएफ निवेश पर दिए जाने वाले ब्याज से 1 फीसदी ज्यादा होता है। इस ब्याज को भी दो मासिक किस्तों में चुकाना होगा। पीपीएफ खाते में निवेश पर धारा 80सी के तहत कर छूट मिलती है। साथ ही इससे अर्जित फंड भी टैक्स फ्री होता है।
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