सार
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैंक ऑफ बड़ौदा के एनुअल कॉन्फ्रेंस में रुपए की गिरावट पर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि दुनिया की इकोनॉमी से भारत की इकोनॉमी के हालात बेहतर हैं। रुपए की गिरावट को ठीक करने के लिए आरबीआई ने पहल किया है।
बिजनेस डेस्कः आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने रुपए की गिरावट पर पहली बार बयान दिया है। उन्होंने बीओबी (Bank of Barauda) एनुअल बैंकिंग कॉन्फ्रेंस में कहा है कि भारत की इकोनॉमी दुनिया की अन्य इकोनॉमी के मुकाबले बेहतर हालत में है। रूस-यूक्रेन युद्ध और कोरोना के कारण ग्लोबल कंडीशन गंभीर है। लेकिन भारत की इकोनॉमी पर इन विपरीत स्थितियों का निगेटिव इंपेक्ट कम पड़ा है। उन्होंने कहा कि विकसित अर्थव्यवस्थाओं और विकासशील देशों की करंसी की तुलना में भारतीय रुपया भी बेहतर स्थिति में है। बता दें कि इंडियन करेंसी हाल ही में 80 रुपया प्रति डॉलर के ऐतिहासिक लेवल तक कमजोर हुई थी।
आरबीआई ने की पहल
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि हमारी नजर रुपये के तेज उतार-चढ़ाव और अस्थिरता पर है। उसे कमजोर नहीं होने दिया जाएगा। इसे रोकने के लिए आरबीआई ने कुछ अहम कदम उठाए हैं। आरबीआई बाजार में अमेरिकी डॉलर की आपूर्ति कर रहा है। इस तरह लिक्विडिटी (तरलता) की पर्याप्त आपूर्ति बी हो रही है। आरबीआई की इस पहल से रुपए को सपोर्ट मिलेगा। रुपए कमजोर होने से बचा रहेगा।
कमेटी तय करती है दरें
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि महंगाई को कम करने के लिए 2016 में जो ढांचा अपनाया गया था, उसने बेहतर काम किया है। आरबीआई के लक्ष्य के अनुपात में ही महंगाई के स्तर देखे गए हैं। रेपो रेट पर उन्होंने कहा कि आरबीआई लिक्विडिटी और दरें बढ़ाने के बारे में फैसला लेते वक्त ग्रोथ संबंधी लक्ष्य को हमेशा ध्यान में रखता है। इसी के मुताबिक आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी आगे का निर्णय लेती है। सभी की सहमति से कोई कदम उठाए जाते हैं।
सरकार दे सकती है दखल
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि विदेशी मुद्रा की अप्रतिबंधित उधारी से परेशान होने की जरूरत नहीं है। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां बड़ी संख्या में ऐसे लेनदेन कर रही हैं। सरकार जरूरत पड़ने पर इसमें दखल दे सकती है। इसके लिए मदद भी दे सकती है।
आज कैसा है रुपए का हाल
रुपया शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में 7 पैसे कमजोर होकर 79.92 रुपये प्रति डॉलर के भाव पर आ गया है। अमेरिकी डॉलर की मजबूती और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों की वजह से ऐसा हुआ है। अंतर-बैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 79.90 के भाव पर खुला लेकिन थोड़ी ही देर में यह 79.92 रुपये प्रति डॉलर पर आ गया। गुरूवार को रुपया ऐतिहासिक निचले स्तर से उबरकर और 20 पैसे सुधरकर 79.85 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
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