सार
अगर बात बीते 10 दिनों की करें तो रिटेल कारोबार (Retail Business) पर औसतन 45 फीसदी प्रभाव देखने को मिला है। वहीं देश में कुल रिटेल व्यापार लगभग 125 लाख करोड़ रुपए है।
बिजनेस डेस्क। देशभर में कोरोना के मामले में बढ़ रहे हैं। जगह-जगह नाइट कर्फ्यू और वीकेंड कर्फ्यू लगना शुरू हो गया है। अब तो पूर्ण लॉकडाउन की बातें शुरू हो गई हैं। जिसकी वजह से कारोबारियों में एक बार फिर से दहशत पैदा हो गई हैं। देश में अलग-अलग प्रतबिंधों की वजह से बीते 10 दिनों में 45 फीसदी रिटेल कारोबार (Retail Business) नुकसान में है। 14 जनवरी से शादियों का सीजन शुरू होने वाला है। जिसकी वजह से आगामी ढाई महीने में करीब 4 लाख करोड़ रुपए के कारोबार का अनुमान लगाया गया था, जिसमें भी अब 3 लाख करोड़ रुपए के नुकसान की आशंका जताई जा रही है।
कैट ने जताई नुकसान की आशंका
कंफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स के अनुसार विभिन्न राज्यों में कई तरह कके प्रतबिंध लगाए जा चुके हैं, जिसकी वजह से व्यापारिक और आर्थिक गतिविधियों पर असर देखने को मिल रहा है। अगर बात बीते 10 दिनों की करें तो रिटेल कारोबार पर औसतन 45 फीसदी प्रभाव देखने को मिला है। वहीं देश में कुल रिटेल व्यापार लगभग 125 लाख करोड़ रुपए है, कैट ने केंद्र सरकार और सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कहा है कि, कोरोना से बचाव के लिए हर संभव कदम उठाए जाएं, लेकिन प्रतिबंधों के साथ व्यापारिक और आर्थिक गतिविधियां भी सुचारू रूप से चलती रहें। देश भर के व्यापारी संगठनों के साथ सलाह भी लें और उसके बाद कोई फैसला करें।
कारोबार में 45 फीसदी की गिरावट
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार कोरोना के विभिन्न प्रकार के प्रतिबंधों के कारण पिछले दस दिनों के व्यापार में औसतन 45 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है। शहर से बाहर का आने वाला खरीददार अपने शहर से बाहर नहीं निकल रहा है जबकि रिटेल की खरीददारी करने के लिए उपभोक्ता भी जरूरत पड़ने पर ही सामान खरीदने के लिए बाजार जा रहे हैं।
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वेडिंग कारोबार में 75 फीसदी गिरावट
उन्होंने आगे कहा कि शादियों के सीजन का व्यापार जो मकर संक्राति के दिन 14 जनवरी से शुरू होगा और जिसमें आगामी ढाई महीने में लगभग 4 लाख करोड़ रुपये के व्यापार होने का अनुमान था, उसमें विभिन्न सरकारों द्वारा शामिल होने वाले लोगों पर लगाए गए प्रतिबंधों से इस व्यापार में सीधे लगभग 75 प्रतिशत की गिरावट आई है।
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किसमें कितनी गिरावट
कैट के अनुसार, एफएमसीजी में 35 फीसदी, इलेक्ट्रॉनिक्स में 45 फीसदी, मोबाइल में 50 फीसदी , दैनिक उपभोग की वस्तुओं में 30 फीसदी, फुटवियर में 60 फीसदी ज्वेलरी में 30 फीसदी, खिलौनों में 65 फीसदी, गिफ्ट आइटम्स में 65 फीसदी, बिल्डर हार्डवेयर में 40 फीसदी, कॉस्मेटिक्स में 25 फीसदी, फर्नीचर में 40 फीसदी के व्यापार की अनुमानित गिरावट है।