सार

Round UP 2021: नवंबर 2021 तक, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (Unified Payments Interface) ने अपने ट्रांजेक्‍शन वैल्‍यू में 2020 की तुलना में 103 फीसदी की वृद्धि देखी है और कुछ इसी तरह‍ का आंकड़ा 2022 में भी जारी रहने की संभावना है।

बिजनेस डेस्‍क। जब 2016 में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (Unified Payments Interface) लांच किया गया था, तो किसी को नहीं पता था कि यह भारत में केवल पांच वर्षों में रिटेल पेमेंट (Retail Payment) का 50 प्रतिशत से अधिक का हिस्सा होगा। जबकि भारत ने 2016 में 500 रुपए और 1,000 रुपए के डिमोनेटाइजेशन (Demonetisation) के बाद लोगों को डिजिटल पेमेंट (Digital Payment) मोड की ओर मूव करते हुए देखा। उसके बाद 2020 में महामारी के दौरान लगाए गए नेशनवाइड लॉकडाउन के बीच डिजिटल प्लेटफॉर्म (Digital Platforms) पर नए यूजर्स का एक बड़ा हिस्सा आया।

महामारी की वजह से हुआ इजाफा
महामारी के दूसरे वर्ष, 2021 में, कोविड-19 की दूसरी लहर के साथ, जो भारत में पहले देखी गई किसी भी महामारी से बदतर थी, लोगों ने पहले से कहीं अधिक डिजिटल ट्रांजेक्‍शन पर स्विच करना शुरू कर दिया। मासिक UPI ट्रांजैक्शन वैल्यू को अगस्त 2020 में 3 लाख करोड़ रुपए के आंकड़े को पार करने में चार साल लग गए। उसके बाद बाद मात्र 14 महीने यानी अक्टूबर 2021 में यह संख्या दोगुनी से ज्‍यादा हो गई और 7 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर गई।

एक बार आदत डालने के बाद, कई भारतीयों ने लेनदेन के लिए केवल ऑनलाइन भुगतान का उपयोग किया है। यूपीआई भुगतान के लिए क्यूआर कोड अब रेस्तरां और बड़े प्रतिष्ठानों के पास ही नहीं, बल्कि सड़क के किनारे छोटे स्टालों में भी देखे जा सकते हैं। साल की शुरुआत मासिक UPI ट्रांजैक्शन वैल्यू 4 लाख करोड़ रुपए के साथ हुई और 2021 को समाप्त होने में बमुश्किल एक सप्ताह बचा है, यह मूल्य लगभग दोगुना होकर 7.5 लाख करोड़ रुपए (100 बिलियन डॉलर से अधिक) से ज्यादा हो गया है।

यूपीआई ट्रांजेक्‍शन का साल रहा 2021

सालट्रांजेक्‍शन वैल्‍यू (करोेड़ रुपए में)
2016893
201757,020
20185,85,710
201918,31,000
202031,00,000
202163,20,000


आगे बड़े दिन
विशाल आबादी होने के की वजह से भारत में भुगतान के डिजिटल तरीकों को अपनाने की गुंजाइश अभी भी व्यापक है और यह वृद्धि यूपीआई द्वारा संचालित होगी क्योंकि अधिक से अधिक भारतीय वित्तीय सेवाओं तक पहुंचने के लिए अपने स्मार्टफोन का उपयोग करते हैं। पेमेंट्स गेटवे कैशफ्री के सह-संस्थापक और सीईओ आकाश सिन्हा कहते हैं कि डिजिटलाइजेशन की रफ्तार तेज होती रहेगी। ग्राहकों की संख्या बढ़ रही है, हमारे पास डेढ़ अरब से अधिक डेबिट और क्रेडिट कार्ड होल्‍डर हैं, मोबाइल फोन और इंटरनेट की पहुंच बढ़ रही है। यह सब डिजिटल भुगतान अपनाने में वृद्धि करेगा।

किन एप्‍स का रहा सबसे ज्‍यादा दबदबा

एप्‍स के नामवॉल्‍यूम मार्केट शेयर (फीसदी में)
फोनपे45
गूगल पे35
पेटीएम15
अन्‍य5

संख्या में वृद्धि
नवंबर 2021 तक, UPI ने पहले ही 2020 में कुल वॉल्यूम में 81 फीसदी की वृद्धि देखी है। 2021 में लेन-देन के मूल्यों में 103 फीसदी की वृद्धि हुई है। 2020 में, UPI ने 31 लाख करोड़ रुपए मूल्य के 18.87 बिलियन ट्रांजेक्‍शन देखे थे। इस साल पहले ही 34.18 अरब ट्रांजेक्‍शन हो चुके है, जोकि कुल मिलाकर 63.2 लाख करोड़ रुपए है। जेफरीज के अनुमान के मुताबिक, वित्त वर्ष 2022 में भारत को कुल 2.16 ट्रिलियन डॉलर का डिजिटल भुगतान देखने को मिलेगा। UPI के 50 प्रतिशत के करीब होने की उम्मीद है, इसके बाद तत्काल भुगतान सेवा (IMPS) 25 फीसदी होगी।

2021 में डेबिट क्रेडिट कार्ड ट्रांजेक्‍शन वॉल्‍यूम

सालक्रेडिट कार्ड ट्रांजेक्‍शन वॉल्‍यूम (करोड़ रुपए में)डेबिट कार्ड ट्रांजेक्‍शन वॉल्‍यूम (करोड़ रुपए में)
2020145.82343.67
2021174.32340

क्रेडिट, डेबिट कार्ड से भुगतान में तेजी थमी
क्रेडिट और डेबिट कार्ड से भुगतान में तेजी मंद पड़ गई है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर 2021 तक, भारतीयों द्वारा 7.04 लाख करोड़ रुपए के 174 करोड़ क्रेडिट कार्ड ट्रांजेक्‍शन किए गए थे। यानी 2020 में इसी अवधि में लेनदेन की संख्या में 20 प्रतिशत की वृद्धि और लेनदेन की मात्रा में 44 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली है। डेबिट कार्ड के मामले में ग्रोथ काफी कम रही। जबकि लेन-देन के मूल्यों में पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में जनवरी और अक्टूबर 2021 के बीच की अवधि में 20 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, वास्तव में लेनदेन की संख्या इस वर्ष मामूली कम - 0.87 फीसदी देखने को मिली है।