सार

रुचि सोया की एफपीओ समिति (FPO committee of Ruchi Soya) ने इश्यू का फ्लोर प्राइस (Floor Price) 615 रुपए से 650 रुपए प्रति इक्विटी शेयर के मिनिमम प्राइस रखने का फैसला लिया है। रुचि सोया का एफपीआे (Ruchi Soya FPO) 24 मार्च को आने वाला है।

बिजनेस डेस्क। इस हफ्ते में बाबा रामदेव (Baba Ramdev) की कंपनी रुचि सोया (Ruchi Soya) का 4300 करोड़ रुपए का फॉलोऑन पब्लिक ऑफर आने से पहले शेयरों में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है। रुचि सोया का शेयर (Ruchi Soya Share Price) सोमवार को कारोबारी सत्र के दौरान 17 फीसदी से ज्यादा टूट चुका है। वैसे कंपनी का एफपीओ 24 मार्च को आने वाला है। इससे पहले वाले सप्ताह में एफपीओ की डेट (Ruchi Soya FPO Date) ऐलान के बाद रुचि सोया के शेयर बड़ी तेजी देखने को मिली थी। जानकारी के अनुसार रुचि सोया की एफपीओ समिति (FPO committee of Ruchi Soya) ने इस इश्यू पर 615 रुपए से 650 रुपए प्रति इक्विटी शेयर के न्यूनतम प्राइस रखने का फैसला किया है। न्यूनतम बोली 21  शेयरों के लॉट में लगाई जा सकती है। उसके बाद 21 इक्विटी शेयरों के मल्टीपल में होगी। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर बीएसई पर एफपीओ के शेयरों के किस तरह के आंकड़ें देखने को मिल रहे हैं।

रुचि सोया के शेयरों में 17 फीसदी से ज्यादा की गिरावट
पहले बात रुचि सोया के शेयरों की बात करें तो सोमवार को 17 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिल चुकी है। बीएसई के अनुसार दोपहर 2 बजकर 10 मिनट पर करीब 9 फीसदी की गिरावट के साथ 916.75 रुपए प्रति शेयर पर कारोबार कर रहा था । जबकि कारोबारी सत्र के दौरान कंपनी का शेयर 831 रुपए के लेवल पर भी पहुंचा जोकि शुक्रवार की क्लोजिंग प्राइस के मुकाबले 17.27 फीसदी कम है। शुक्रवार को जब बाजार बंद हुआ था तो रुचि सोया का शेयर 1004.45 रुपए पर था।

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यूक्रेन और रूस से आता है 90 फीसदी सन फ्लावर ऑयल
शेयर इंडिया सिक्योरिटीज के वीपी और रिसर्च हेड रवि सिंह ने कहा कि यूक्रेन और रूस के बीच अनिश्चितकालीन युद्ध के कारण, खाद्य तेल की कीमतों में वृद्धि के साथ-साथ सप्लाई में देखने को मिल रही है। भारत की 90 फीसदी सनफ्लॉवर ऑयल की जरुरत यूक्रेन और रूस द्वारा पूरी होती है,  सूरजमुखी के तेल में अधिकांश खाद्य तेल ब्रांडों का 15 फीसदी शामिल है। हालांकि रुचि सोया की वित्तीय स्थिति थोड़ी कमजोर है, कंपनी के मजबूत आधार और बैकग्राउंड और इसके उत्पादों की आवश्यकता को देखते हुए, निवेशक इस एफपीओ की सदस्यता ले सकते हैं।

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पिछले साल मिली थी मंजूरी
पिछले साल अगस्त में, कंपनी को एफपीओ लॉन्च करने के लिए पूंजी बाजार नियामक सेबी की मंजूरी मिली थी। इसने जून 2021 में ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस दाखिल किया था। कंपनी एक लिस्टिड यूनिट में सेबी के न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता 25 फीसदी के मानदंड को पूरा करने के लिए सार्वजनिक निर्गम लेकर आ रही है। 2019 में, पतंजलि ने रुचि सोया एक दिवाला प्रक्रिया के माध्यम से 4,350 करोड़ रुपए में अधिग्रहण किया था।