सार
शेयर बाजर नियामक सेबी ने सुराणा कॉरपोरेशन और उसके पूर्व प्रबंध निदेशक विजयराज सुराणा पर कई तरह के फर्जीवाड़े के मामले में 50 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है।
बिजनेस डेस्क। शेयर बाजर नियामक सेबी ने सुराणा कॉरपोरेशन और उसके पूर्व प्रबंध निदेशक विजयराज सुराणा पर कई तरह के फर्जीवाड़े के मामले में 50 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। बता दें कि कॉरपोरेशन और विजराज सुराणा पर अलग-अलग 25-25 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया। है। सेबी ने कंपनी के एसेट को बढ़ा कर दिखाने और कीमतों में जुड़ी संवेदनशील जानकारी छुपाने के आरोप में यह जुर्माना लगाया है। इसके साथ ही सेबी ने कंपनी के ऑडिटर पृथ्वीराम जैन पर भी 1 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है।
डीआरआई की क्षेत्रीय इकाई से मिली शिकायत
रेवेन्यू इंटेलिजेंस डिपार्टमेंट (डीआरआई) की चेन्नई की क्षेत्रीय इकाई से शिकायत मिलने के बाद इस मामले की जांच की गई। इस शिकायत में कहा गया कि अक्टूबर, 2014 के दौरान कंपनी के शोरूम और फैक्ट्री में कई तरह गड़बड़ी की गई थी।
डीआरआई ने की छापेमारी
जांच के लिए की गई गई डीआरआई की छापेमारी में पाया गया कि कंपनी ने तस्करी किया गया सोना रखा था और कई तथ्यों को छुपाने या तोड़-मरोड़ कर पेश करने की कोशिश की थी। इसमें खरीद-बिक्री और स्टॉक से जुड़े दस्तावेज शामिल थे। कंपनी ने अपने एसेट को भी बढ़ा-चढ़ा कर दिखाया था। सेबी ने अपनी जांच में पाया कि कंपनी के पास सोने का स्टॉक नहीं था, लेकिन इसने गलत तरीके से कागजों में 249.23 करोड़ रुपए का सोना दिखाया था। साथ ही, कंपनी ने अपने दफ्तर और शोरूम में की गई छापेमारी की जानकारी भी छुपाई थी।
सेबी ने इसे धोखाधड़ी का मामला कहा
सेबी ने अपने आदेश में कंपनी के झूठे बयानों और दावों को पीएफयूटीपी (धोखाधड़ी और अनुचित व्यापारिक गतिविधियों पर प्रतिबंध) के प्रावधानों का उल्लंघन माना। सेबी ने इक्विटी लिस्टिंग समझौते के तहत भी कंपनी को नियमों का उल्ल्ंघन करने का दोषी पाया। जब कंपनी पर छापेमारी हुई थी, तब विजयराज सुराणा उसके एमडी थे और कंपनी की बागडोर पूरी तरह उनके हाथों में थी। सेबी ने कहा कि सुराणा अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते। कंपनी ने 647 करोड़ रुपए की खरीद और 643 करोड़ रुपए की बिक्री को भी बढ़ा-चढ़ा कर दिखाया।