सार

कोरोना वायरस के चलते मार्केट में मची खलबली से भारत का शेयर मार्केट भी अछुता नहीं रह गया लगातार 6 दिनों से बाजार में गिरावट के चलते निवेशकों को 10 लाख करोड़ रुपये की चपत लगी है

मुंबई: कोरोना वायरस के चलते मार्केट में मची खलबली से भारत का शेयर मार्केट भी अछुता नहीं रह गया। लगातार  6 दिनों से बाजार में गिरावट के चलते निवेशकों को 10 लाख करोड़ रुपये की चपत लगी है, वहीं बड़े-बड़े कारोबारियों को भी अरबों रुपये का घाटा लगा है। इस बिकवाली के चलते शुक्रवार को बंबई शेयर बाजार के सेंसेक्स में 1,448.37 अंक की इतिहास की दूसरी सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गयी।

इस लिस्ट में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी भी शामिल हैं जो इस साल 5 अरब डॉलर (36000 करोड़ रुपए) की संपत्ति गंवा चुके हैं, ब्लूमबर्ग बिलिनेयर इंडेक्स के अनुसार, RIL को 11 दिनों में करीब 54 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है वहीं, आदित्य बिड़ला ग्रुप के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला की 884 मिलियन डॉलर की संपत्ति घट गई है। महज 2 महीने में आईटी दिग्गज अजीम प्रेमजी को 869 मिलियन डॉलर का नुकसान हुआ, जबकि गौतम अडाणी को 496 मिलियन डॉलर का नुकसान सहना पड़ा।

11.52 लाख करोड़ रुपये की चपत

बीते 15 दिनों से शेयरों मार्केट में उतर चड़ाव के चलते उदय कोटक और सन फार्मा के दिलीप सांघवी को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा है। 12 फरवरी से अबतक के 11 सेशन्स में सेंसेक्स 3000 अंक लुढ़क चुका है। ऐसे में इन बड़े कारोबारियों को 11.52 लाख करोड़ रुपये की चपत लगी है।

इन 11 दिनों में सबसे ज्यादा नुकसान रिलायंस इंडस्ट्रीज को हुआ है। 13 से 27 फरवरी के बीच कंपनी को 53,706.40 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। आज सेंसेक्स 1100 अंक लुढ़का जिसमें RIL के शेयर 2.8 पर्सेंट नीचे आ गए। इस दौरान टाटा ग्रुप कंपनियों को भी 41,930 करोड़ रुपये का बड़ा घाटा हुआ है। इस दौरान ग्रुप की 21 कंपनियां रेड जोन में रही हैं। सेंसेक्स की कंपनियों में टेक महिंद्रा में सबसे अधिक 8.14 प्रतिशत की गिरावट रही। इसके अलावा टाटा स्टील में 7.57 प्रतिशत, महिंद्रा एंड महिंद्रा में 7.50 प्रतिशत, एचसीएल टेक में 6.98 प्रतिशत, बजाज फाइनेंस में 6.24 प्रतिशत और इंफोसिस में 5.95 प्रतिशत की बड़ी गिरावट देखने को मिलीं।

कोरोना वायरस से पड़ा असर 

विश्लेषकों के अनुसार, चीन के अलावा अन्य देशों में भी कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैलने से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर इसके हो सकने वाले असर को लेकर निवेशक घबराये हुए हैं। इस वायरस से दुनिया भर में अब तक 83 हजार से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं।

एशियाई बाजारों में गिरावट

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की जारी निकासी ने भी घरेलू शेयर बाजारों को कमजोर किया। प्राथमिक आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई इस सप्ताह अब तक 9,389 करोड़ रुपये के शेयरों की शुद्ध बिकवाली कर चुके हैं। एशियाई बाजारों में चीन के शंघाई कंपोजिट, हांगकांग के हैंगसेंग, दक्षिण कोरिया के कोस्पी और जापान के निक्की में 3.71 प्रतिशत तक की गिरावट रही।

यूरोप पर भी असर 

यूरोप के शेयर बाजार कारोबार के दौरान चार प्रतिशत तक की गिरावट में चल रहे थे। बृहस्पतिवार को अमेरिका के डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 1,190.95 अंक गिरकर बंद हुआ। यह इसके इतिहास की सबसे बड़ी एकदिनी गिरावट है। इस बीच कच्चा तेल 3.38 प्रतिशत गिरकर 49.98 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। रुपया भी कारोबार के दौरान 55 पैसे गिरकर 72.16 रुपये प्रति डॉलर पर चल रहा था।