सार

पिछले साल जनवरी-सितंबर के दौरान टाटा मोटर्स ने घरेलू बाजार में 297 इकाई का उत्पादन किया और सिर्फ 299 कार बेची। भारी गिरावट के चलते नैनो का उत्पादन और बिक्री अप्रैल 2020 से बंद हो सकती है।

नई दिल्ली: वाहन बनाने वाली देश की प्रमुख कंपनी टाटा मोटर्स ने इस साल के पहले नौ महीने में कम कीमत वाली अपनी नैनो कार की एक भी इकाई का उत्पादन नहीं किया है। कंपनी ने फरवरी में केवल एक इकाई की बिक्री की थी। हालांकि टाटा मोटर्स ने आधिकारिक रूप से इस मॉडल को बंद करने के बारे में कोई घोषणा नहीं की है। कंपनी अबतक कहती रही है कि नैनो के भविष्य को लेकर कोई फैसला नहीं किया गया है। कार उत्पादन की योजना मांग, पहले के बचे भंडार और नियोजित दक्षता पर आधारित है।

नौ महीने में नहीं बिकी एक भी यूनिट

टाटा मोटर्स यह स्वीकार करती है कि नैनो का मौजूदा रूप नये सुरक्षा नियमन और भारत चरण-6 उत्सर्जन मानकों को पूरा नहीं कर पाएगा। कंपनी की शेयर बाजारों को दी गयी सूचना के अनुसार इस साल सितंबर में घरेलू बाजार में नैनो का उत्पादन और बिक्री नहीं हुई। यह लगातार नौवां महीना है जब टाटा मोटर्स ने नैनो की एक भी इकाई का उत्पादन नहीं किया।

2008 के वाहन प्रदर्शनी में पेश की थी नैनो

फरवरी में मात्र एक इकाई बेचने के बाद कंपनी ने अब तक एक भी नैनो कार नहीं बेची है। कंपनी ने 2008 में वाहन प्रदर्शनी में नैनो कार को पेश किया था। इसे लोगों की कार के रूप में पेश किया गया था लेकिन इसकी बिक्री लगातार घटती रही। पिछले साल जनवरी-सितंबर के दौरान टाटा मोटर्स ने घरेलू बाजार में 297 इकाई का उत्पादन किया जबकि 299 कार बेची।

अप्रैल 2020 से बंद होगी बिक्री

नैनो का उत्पादन बंद करने के मुद्दे पर टाटा मोटर्स ने कहा, ‘‘किसी उत्पाद के जीवन चक्र पर निर्णय एक समग्र विचार है। बाजार की गतिविधियों, नियमन और उभरते प्रतिस्पर्धी परिदृश्य के आधार पर यह निर्णय किया जाता है। जब भी इस प्रकार का निर्णय किया जाएगा, इसकी घोषणा की जाएगी।’’ हालांकि कंपनी अधिकारियों ने संकेत दिया कि नैनो का उत्पादन और बिक्री अप्रैल 2020 से बंद होगी। टाटा मोटर्स की भारत चरण-6 के तहत कड़े उत्सर्जन मानकों और अन्य सुरक्षा मानदंडों को पूरा करने के लिए रतन टाटा के सपनों की कार में और निवेश की योजना नहीं है।

नैनो को बाजार में मार्च 2009 में पेश किया गया था। उस समय शुरूआती मॉडल की कीमत एक लाख रुपए थी।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)