सार
CBDT के अध्यक्ष जेबी महापात्र ने बुधवार को कहा कि एक टैक्सपेयर्स (Taxpayers) को असेसमेंट ईयर (Assessment Year) के लिए केवल एक अपडेटिड रिटर्न (Updated Return) दाखिल करने की अनुमति होगी।
बिजनेस डेस्क। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (Central Board of Direct Taxes) के अध्यक्ष जेबी महापात्र ने बुधवार को कहा कि एक टैक्सपेयर्स (Taxpayers) को असेसमेंट ईयर (Assessment Year) के लिए केवल एक अपडेटिड रिटर्न (Updated Return) दाखिल करने की अनुमति होगी। एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा महापात्र ने कहा कि इस प्रावधान का उद्देश्य उन लोगों की मदद करना है जो वास्तव में अपना रिटर्न दाखिल करने से चूक गए हैं।
बजट में दी है मंजूरी
उन्होंने कहा, ऐसे टैक्सपेयर्स "एक असेसमेंट ईयर में केवल एक अपडेटिड रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। किसी भी गलती या चूक को ठीक करने के लिए, बजट 2022-23 ने टैक्सपेयर्स को टैक्स के भुगतान के अधीन, दाखिल करने के दो साल के भीतर अपने आयकर रिटर्न (ITR) को अपडेट करने की अनुमति दी है। देय कर और ब्याज पर अतिरिक्त 25 फीसदी का भुगतान करना होगा यदि अपडेटिड आईटीआर 12 महीने के भीतर दायर किया जाता है, जबकि यह दर 50 फीसदी तक बढ़ जाएगी यदि इसे 12 महीने के बाद दाखिल किया जाता है।
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इन लोगों को नहीं मिलेगी राहत
हालांकि, यदि किसी विशेष निर्धारण वर्ष के लिए नोटिस जारी करके अभियोजन कार्यवाही शुरू की जाती है, तो करदाता उस विशेष वर्ष में अपडेटिड रिटर्न लाभ प्राप्त नहीं कर सकते हैं। साथ ही, यदि कोई करदाता अपडेटिड रिटर्न दाखिल करता है और अतिरिक्त करों का भुगतान नहीं करता है तो रिटर्न अमान्य हो जाएगा। यदि आयकर विभाग को पता चलता है कि असेसी द्वारा कुछ आय छूट गई है, तो यह निर्णय की एक लंबी प्रक्रिया से गुजरती है, और नया प्रस्ताव करदाता में विश्वास को फिर से स्थापित करेगा।
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इस कैलकुलेशन से समझें
अपडेटिड टैक्स के तहत कितना टैक्स देना होगा इसे एक उदाहरण से समढना होेगा।आकलन वर्ष 2020-21 (31 मार्च, 2020 को समाप्त वित्तीय वर्ष) के लिए अपना रिटर्न दाखिल किया है, और वह 50,000 रुपए की निश्चित ब्याज आय को शामिल करना भूल गया है। मान लें कि वह 31.2 फीसदी दर स्लैब में है, तो इस अघोषित ब्याज आय पर कर 15,600 रुपए होगा और अप्रैल 2022 तक दंडात्मक ब्याज लगभग 5,000 रुपए हो सकता है। कुल देनदारी 20,600 रुपए है। प्रस्तावित योजना के तहत अतिरिक्त कर 10,300 रुपए होगा (20,600 रुपये का 50 फीसदी, क्योंकि निर्धारण वर्ष की समाप्ति के बाद से एक वर्ष से अधिक बीत चुका है)। इस प्रकार, कुल टैक्स लायबिलिटी 30,900 रुपए होगी।