सार

31 दिसंबर 2021 की आईटीआर ड्यू डेट ( ITR Due Date) के खत्‍म होने की स्थित‍ि में करदाता को 5000 का फ्लैट लेट फाइन देना (late Fine) होगा, यदि उसकी कर योग्य आय ₹5 लाख से अधिक है।

 

बिजनेस डेस्‍क। वित्‍त वर्ष 2021-22 के लिए आयकर रिटर्न (Income Tax Return) या आईटीआर दाखिल करने की लास्‍ट डेट (ITR Last Date) 31 दिसंबर 2021 को समाप्त हो रही है। हालांकि, सभी करदाताओं के लिए यह सलाह दी जाती है कि वे आईटीआर की अंतिम तिथि से पहले अपना आयकर रिटर्न दाखिल करें, यदि कोई करदाता फाइल करने में विफल रहता है। देय तिथि के भीतर आईटीआर फाइल करने में फेल होते हैं तो उनके पास अभी भी अपना आयकर रिटर्न दाखिल करने का मौका है।

टैक्‍स एंड इंवेस्‍टमेंट एक्‍सपर्ट के अनुसार, आईटीआर दाखिल करने की नियत तारीख 31 दिसंबर 2021 है, जबकि वित्त वर्ष 2021-22 के लिए आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 मार्च 2022 है। हालांकि, 31 दिसंबर 2021 की आईटीआर देय तिथि के खत्‍म होने की स्थिति में, करदाता यदि उसकी कर योग्य आय 5 लाख रुपए से अधिक है, तो उसे 5000 रुपए का फ्लैट लेट फाइन देना होगा। इसके अलावा, करदाता को कुछ लाभों जैसे घाटे को आगे बढ़ाना, आपके द्वारा भुगतान किए गए अतिरिक्त कर पर ब्याज को खोना होगा।

इस तरह का उठाना पड़ सकता है नुकसान
लास्‍ट डेट के भीतर आईटीआर दाखिल करने में विफल रहने के बाद करदाता को होने वाले लाभों के नुकसान पर बोलते हुए वेल्थ एट ट्रांसेंड कैपिटल के मैनेजर कार्तिक झावेरी ने कहा कि आईटीआर की ड्यू डेट तिथि और आईटीआर की लास्‍ट डेट में थोड़ा अंतर होता है। 31 दिसंबर 2021 को असेसमेंट ईयर 2021-22 के लिए आईटीआर ड्यू डेट है, जबकि वित्त वर्ष 2021-22 के लिए आईटीआर की लास्‍ट डेट 31 मार्च 2021 है। हालांकि, एक करदाता के लिए यह सलाह दी जाती है कि वह ड्यू डेट के भीतर यानी 31 दिसंबर 2021 तक आईटीआर दाखिल करे क्योंकि इस ड्यू डेट के बाद, वह आईटीआर दाखिल कर सकता है, लेकिन नुकसान को आगे बढ़ाने जैसे कुछ लाभों को खोना होगा। 31 दिसंबर 2021 के बाद, एक इनकम टैक्सपेयर हाउस प्रॉपर्टी हेड के तहत बिजनेस इनकम या कैपिटल गेन या लॉस दो लाख रुपये से ज्यादा के नुकसान को कैरी फॉरवर्ड करने का दावा नहीं कर पाएगा। ट्रांसेंड कैपिटल के कार्तिक झावरी ने कहा कि ड्यू डेट के भीतर यानी 31 दिसंबर 2021 तक आईटीआर दाखिल करने में विफल रहने पर, करदाता आईटीआर रिफंड के हकदार होंगे, लेकिन करदाता को इससे अधिक भुगतान किए गए आयकर पर ब्याज नहीं मिलेगा।

आईटीआर ड्यू डेट के बाद लगेगा लेट फाइन
लेट फाइन पर आईटीआर नियमों पर बोलते हुए मुंबई स्थित कर और निवेश विशेषज्ञ बलवंत जैन ने कहा कि यदि आपकी कर योग्य आय अधिक है, तो एक करदाता को आईटीआर दाखिल करते समय अनिवार्य रूप से 5000 रुपए का एक फ्लैट लेट फाइन देना होगा, यदि आय पांच लाख से अध‍िक है और आईटीआर 31 दिसंबर 2021 तक जमा किया जाता है। हालांकि, यदि कर योग्य आय ₹5 लाख से कम है तो विलंब शुल्क 1,000 तक सीमित है। बलवंत जैन ने कहा कि ₹1,000 विलंब शुल्क उन पर भी लागू होता है जिनकी कोई आयकर देनदारी नहीं है और वे नियत तारीख यानी 31 दिसंबर 2021 के बाद अपना आईटीआर दाखिल कर रहे हैं।

क्या होगा यदि कोई करदाता अंतिम तिथि यानी 31 मार्च 2022 तक अपना आईटीआर दाखिल करने में विफल रहता है। इस पर जानकार कहते हैं कि यदि कोई करदाता अंतिम तिथि यानी 31 मार्च 2022 तक अपना आईटीआर दाखिल करने में विफल रहता है, तो आयकर विभाग आयकर और ब्याज देयता के अलावा कर के 50 प्रतिशत के बराबर न्यूनतम जुर्माना लगा सकता है। जिस तारीख को करदाता आयकर विभाग से नोटिस के जवाब में अपना आईटीआर दाखिल करता है।