सार

अमेरिका के प्रमुख अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक रिपोर्ट में खुलासा किया है कि प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प की फर्म्स ने भारत में साल 2017 में टैक्स के रूप में 145,400 डॉलर (करीब 1,07,36,045.20 रुपए) चुकाए, वहीं अमेरिका में  सिर्फ 750 डॉलर (करीब 55,378.50 रुपए) ही जमा किए। डोनाल्ड ट्रम्प ने इस रिपोर्ट को पूरी तरह फेक न्यूज करार दिया है।

बिजनेस डेस्क। अमेरिका के प्रमुख अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक रिपोर्ट में खुलासा किया है कि प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प की फर्म्स ने भारत में साल 2017 में टैक्स के रूप में 145,400 डॉलर (करीब 1,07,36,045.20 रुपए) चुकाए, वहीं अमेरिका में  सिर्फ 750 डॉलर ( करीब 55,378.50 रुपए) ही जमा किए। डोनाल्ड ट्रम्प ने इस रिपोर्ट को पूरी तरह फेक न्यूज करार दिया है। डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि यह खबर पूरी तरह गलत है। 

हिलेरी क्लिंटन को हरा कर आए सत्ता में
डोनाल्ड ट्रम्प साल 2016 में प्रेसिडेंशियल इलेक्शन में उतरे और उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी की कैंडिटेड हिलेरी क्लिंटन पर भारी जीत दर्ज की। रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रम्प ने फेडरल इनकम टैक्स के रूप में प्रेसिडेंट बनने के बाद महज 750 डॉलर की राशि जमा की। वाइट हाउस में अपने पहले साल के दौरान उन्होंने फिर 750 डॉलर की रकम चुकाई। अखबार ने पिछले 20 साल के टैक्स रिटर्न डेटा को देख कर यह रिपोर्ट पब्लिश की है।

बिडेन के साथ प्रेसिडेंशियल डिबेट के पहले आई रिपोर्ट
यह रिपोर्ट डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रेसिडेंट पद के कैंडिटेड जो बिडेन से ट्रम्प की प्रेसिडेंशियल डिबेट होने के ठीक पहले आई है। यह डिबेट मंगलवार को होनी है। अमेरिका में प्रेसिडेंशियल इलेक्शन 3 नवंबर को होना है। रिपोर्ट में कहा गया है ट्रम्प ने पिछले 15 सालों में 10 साल तक कोई इनकम टैक्स नहीं चुकाया है। इसकी वजह उन्होंने यह बताई है कि आमदनी से ज्यादा उन्हें नुकसान हुआ है। बहरहाल, प्रेसिडेंट ट्रम्प ने इस रिपोर्ट को तत्काल फेक न्यूज बताकर खारिज कर दिया।

पर्सनल फाइनेंस की जानकारी देने को बाध्य नहीं प्रेसिडेंट
अमेरिकी राष्ट्रपति कानूनी तौर पर पर्सनल फाइनेंस की जानकारी को सार्वजनिक करने के लिए बाध्य नहीं हैं। लेकिन रिचर्ड निक्सन के ऐसा करने के बाद सभी प्रेसिडेंट अब तक यह जानकारी देते रहे हैं। ट्रम्प पहले ऐसे प्रेसिडेंट हैं, जिन्होंने अपनी टैक्स फाइलिंग के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है और उसे छुपाया है। ट्रम्प ने उन लोगों को कोर्ट में चुनौती तक दी है, जिन्होंने उनके टैक्स रिटर्न के बारे में जानकारी हासिल करनी चाही। इनमें यूएस हाउस भी शामिल है, जिसने ट्रम्प के टैक्स रिटर्न की जानकारी हासिल करने की कोशिश की। रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रम्प इसके बारे में अमेरिकी जनता को जो बता रहे हैं, वह सच्चाई से काफी अलग है।