सार
ब्रिटेन के होम सेक्रेटरी को माल्या के प्रत्यर्पण दस्तावेज पर 28 दिनों के अंदर हस्ताक्षर करना होगा। तब जाकर उसके प्रत्यर्पण का रास्ता साफ हो सकता है। बतादें कि पिछले माह ही ब्रिटेन के उच्च न्यायालय ने माल्या की प्रत्यर्पण के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया था।
नई दिल्ली. भगोड़े घोषित हो चुके शराब कारोबारी विजय माल्या को जल्द ही भारत लाया जा सकता है। दरअसल, ब्रिटेन की अदालत ने माल्या के एक याचिका खारिज कर दिया है जिसमें उसने भारत के प्रत्यर्पण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की इजाजत मांगी थी। जानकार अब मान रहे हैं कि याचिका खारिज होने के बाद माल्या के पास अब कोई विकल्प नहीं बचा है। ऐसे में ब्रिटिश सरकार उसे भारत को 28 दिनों के अंदर सौंप सकती है।
हस्ताक्षर के बाद प्रत्यर्पण का रास्ता होगा साफ
बतादें कि इसके लिए ब्रिटेन के होम सेक्रेटरी को माल्या के प्रत्यर्पण दस्तावेज पर 28 दिनों के अंदर हस्ताक्षर करना होगा। तब जाकर उसके प्रत्यर्पण का रास्ता साफ हो सकता है। बतादें कि पिछले माह ही ब्रिटेन के उच्च न्यायालय ने माल्या की प्रत्यर्पण के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया था। इसके बाद माल्या ने ब्रिटेन के गृह मंत्री द्वारा प्रमाणित वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत में प्रत्यर्पण आदेश के खिलाफ अपील की थी जिसे भी खारिज कर दिया गया था।
माल्या के लिए बड़ा झटका
भगोड़े माल्या के लए यह एक बड़ा झटका है। ब्रिटेन की क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) ने कहा कि माल्या की विधि के प्रश्न (प्वाइंट ऑफ लॉ) को प्रमाणित करने की अपील सभी तीनों आधारों पर खारिज हो गयी, जिनमें मौखिक दलीलों पर सुनवाई, तैयार किये गये सवालों पर प्रमाणपत्र देना और सुप्रीम कोर्ट में अपील के लिए अनुमति देना शामिल हैं।
सरकार पर माल्या का आरोप
अपील खारिज होने से पहले माल्या ने मोदी सरकार द्वारा जारी किए गए आर्थिक पैकेज पर सरकार को बधाई दिया था और साथ ही अफसोस जताते हुए कहा था की मेरे द्वारा सरकार को बकाया चुकाने का प्रस्तवा बार-बार दिया जा रहा है लेकिन सरकार उसे नजरअंदाज कर रही है। बतादें कि माल्या ने सरकार को 100 फीसद कर्ज चुनाने का प्रस्ताव दिया था। और कहा था कि इसे स्वीकार किया जाए साथ ही उसके खिलाफ जो मामले चल रहे हैं उसे बंद किया जाए।