सार

 वोडाफोन आइडिया और एयरटेल के जारी आंकड़ों के मुताबिक कंपनियों को काफी ज्यादा घाटा हुआ है। खबरों का माने तो वोडाफोन आइडिया फिलहाल कंपनी के असेट्स को बेचने पर विचार कर रही है। वोडाफोन आइडिया को इस तिमाही 51,000 करोड़ रुपए और एयरटेल को 23,000 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है।

नई दिल्ली. देश के टेलिकॉम सेक्टर में समायोजित सकल राजस्व (AGR) की मार से कंपनियों का भविष्य खतरे में दिखाई दे रहा है। वोडाफोन आइडिया और एयरटेल के जारी आंकड़ों के मुताबिक कंपनियों को काफी ज्यादा घाटा हुआ है। खबरों का माने तो वोडाफोन आइडिया फिलहाल कंपनी के असेट्स को बेचने पर विचार कर रही है। दोनों कंपनियों पर कुल 92,000 करोड़ रुपए का कर्ज है। 

 

सबसे बड़ा घाटा

वोडाफोन के प्रमुख ने हाल ही भारत सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि सरकार से किसी भी प्रकार की सहायता नहीं मिल रही है। इस तिमाही में तीनों कंपनियों को हुए घाटे का आंकड़ा कुल 74,000 करोड़ रुपए है। कॉर्पोरेट इतिहास में यह अब तक का सबसे बड़ा घाटा बताया जा रहा है। वोडाफोन आइडिया को इस तिमाही 51,000 करोड़ रुपए और एयरटेल को 23,000 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है।

 

वोडाफोन आइडिया हो सकती है दिवालिया 

दरअसल में पिछले महीने ही सुप्रीम कोर्ट ने एजीआर पर सरकार के पक्ष में फैसला देते हुए सभी टेलीकॉम कंपनियों को बकाया टैक्स जमा करने की बात कही थी। इसमें सबसे ज्यादा राशि वोडाफोन आइडिया को करीब 39,000 करोड़ रुपए देने हैं। बता दें कि इसी सप्ताह आदित्य बिरला समूह ने संकेत दिए थे कि अगर सरकार इस मामले में राहत नहीं देती है तो वह कंपनी में और निवेश नहीं करेंगे। ऐसे में वोडाफोन आइडिया के दिवालिया होने के आसार नजर आ रहे हैं। 

 

कंपनी बेंच सकती है हिस्सेदारी

अब वोडोफोन आइडिया के पास कंपनी की हिस्सेदारी बेचने के अलावां कोई रास्ता नजर नहीं नजर आ रहा है। कंपनी के प्रबंध निदेशक रविंद्र ठक्कर का कहना है कि वो ऑप्टिक फाइबर नेटवर्क और डेटा सेंटर को बेंच सकते हैं। इसी हफ्ते कंपनी कर्जदाता बैंकों के कर्ज को वापस करने में असमर्थता जता चुकी है। 

 

वित्त मंत्रालय दे सकती है राहत

कंपनियों के कारोबार ठप होने से इस सेक्टर में काम कर रहे कर्मचारियों का भविष्य भी अधर में लटका नजर आ रहा है। सरकार भी इस मामले पर गंभीरता से नजर बनाए हुए है। टेलिकॉम सेक्टर में चल रही मंदी और दिक्कतों को देखते हुए वित्त मंत्रालय टेलीकॉम सेक्टर के लिए राहत पैकेज का एलान कर सकती है। भारी मंदी के कारण पहले ही सरकार आलोचनाओं से घिरी हुई है। ऐसे में सरकार ने घाटे में चल रही वोडाफोन आइडिया और एयरटेल जैसी कंपनियों की मुश्किलें आसान करने के लिए जल्द बड़े एलान के संकेत दे सकती है। 

 

मार्केट में बड़ी हिस्सेदारी

हाल ही में सरकारी कंपनी बीएसएनल और एमटीएनएल के मर्जर के फैसले से सरकार ने इस ओर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। ट्राई के अक्टूबर डेटा के मुताबिक इन दोनों का मार्केट शेयर 10.22 फीसदी है। जबकी प्राइवेट कंपनियों का शेयर  89.78 फीसदी हिस्सा है, जिसमें वोडाफोन आइडिया के 37.5 करोड़ यूजर्स, एयरटेल के 32.79 करोड़ यूजर्स और रिलायंस जियो के 34.8 करोड़ यूजर्स शामिल हैं। 

सरकार के सकारात्मक संकेत से कल शेयर बाजार में भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया के शेयरों में तेजी देखी गई थी।